लाइव न्यूज़ :

रंजन गोगोई को राज्यसभा भेजने पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कसा तंज, जानें सुरजेवाला ने क्या कहा

By भाषा | Updated: March 17, 2020 05:28 IST

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर दो खबरें शेयर की है। उन्होंने जो खबरें शेयर की हैं उनमें से एक में गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किये जाने की है और दूसरी में कहा गया है कि न्यायपालिका पर जनता का विश्वास कम होता जा रहा है।

Open in App
ठळक मुद्देरणदीप सुरजेवाला ने ये खबरें शेयर करते हुए कहा, ''तस्वीरें सबकुछ बयां करती हैं।" रंजन गोगोई ने सेवानिवृत्त होने से कुछ दिनों पहले अयोध्या मामले में फैसला सुनाया था। 

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने को लेकर सोमवार कटाक्ष किया और कहा कि तस्वीरें सबकुछ बयां करती हैं। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर दो खबरें शेयर करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने जो खबरें शेयर की हैं उनमें से एक में गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किये जाने की है और दूसरी में कहा गया है कि न्यायपालिका पर जनता का विश्वास कम होता जा रहा है।

सुरजेवाला ने ये खबरें शेयर करते हुए कहा, ''तस्वीरें सबकुछ बयां करती हैं।" दरअसल, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सोमवार को गोगोई का नाम राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। गोगोई 17 नवंबर 2019 को उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनके सेवानिवृत्त होने से कुछ दिनों पहले इन्हीं की अध्यक्षता में बनी पीठ ने अयोध्या मामले में फैसला सुनाया था। 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अब राज्यसभा जाएंगे। उनके नाम को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मनोनीत किया है। जब वह चीफ जस्टिस थे तो उन्हें हमेशा एक ऐसे जज के तौर पर याद किया जाता रहा जो कड़े फैसले लेने में जरा भी नहीं चूकते थे। सालों से लंबित अयोध्या विवाद का निपटारा हो या असम में NRC लागू करवाने का काम जस्टिस गोगोई ने इन सभी मुद्दे पर गंभीरता पूर्वक फैसला लिया।

हालांकि, इसमें कोई दो राय नहीं कि सेवा निवृत होने के बाद राजनीति में आने को लेकर गोगोई के फैसले के विरोध में भी लोग सोशल मीडिया पर अपनी बात रखते हुए न्यायपालिका की प्रासंगिकता व विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं। 

बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा ऐसा पहली बार किया गया है, जब किसी सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जज को एक राजनीतिक पद दिया गया हो। अब तक न्यायपालिका के कुछ ही सदस्यों को विधायिका में जगह मिली है।

बता दें कि 3 अक्टूबर 2018 को भारत के 46वें चीफ जस्टिस बने गोगोई का कार्यकाल लगभग 13 महीने का रहा था।  कम लोगों को यह पता है कि वह असम के मुख्यमंत्री रहे केशब चन्द्र गोगोई के बेटे हैं।  उन्होंने 1978 में वकालत शुरु की और इसके बाद  2001 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के स्थाई जज बने थे।  2011 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने और 23 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए। 

इसके अलावा,  गोगोई तब चर्चा में आए जब उन्होंने कोर्ट में 9 साल से लंबित पड़े अयोध्या विवाद मामले को अपनी बेंच में लेकर फैसला सुनाया। इस मामले में चीफ जस्टिस गोगोई ने 5 जजों की बेंच का गठन किया था और रोज़ाना सुनवाई शुरू कर दी थी। अपने कार्यकाल में जस्टिस गोगोई हमेशा बात को बेवजह लंबा खींचने वाले वकीलों को रोक दिया करते थे। लेकिन 40 दिन चली अयोध्या मामले की सुनवाई में उन्होंने सबको अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया। 

 

 

टॅग्स :राज्य सभाकांग्रेसरणदीप सुरजेवालाराम मंदिर
Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतMCD Bypoll Results 2025: दिल्ली के सभी 12 वार्डों के रिजल्ट अनाउंस, 7 पर बीजेपी, 3 पर AAP, कांग्रेस ने 1 वार्ड जीता

भारतMCD by-elections Result: BJP ने चांदनी चौक और शालीमार बाग बी में मारी बाजी, कांग्रेस ने जीता संगम विहार ए वार्ड

भारतबिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी के अंदर एक बार फिर शुरू हो गया है 'एकला चलो' की रणनीति पर गंभीर मंथन

भारत अधिक खबरें

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी