कपिल सिब्बल का दावा, राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट के CEO छिपा रहे हैं सच, हाई लेवल का हुआ है घोटाला
By पल्लवी कुमारी | Published: November 8, 2018 12:45 PM2018-11-08T12:45:09+5:302018-11-08T12:45:09+5:30
राफेल डील को लेकर कांग्रेस का पक्ष है कि नरेन्द्र मोदी सरकरा ने अनिल अंबानी को दोस्ती निभाने के लिए जानकर ये सौदा उनको दिया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भारत और फ्रांस के बीच राफेल डील को लेकर हाई लेवल पर घोटाले के आरोप लगाए हैं। कपिल सिब्बल ने कहा, राफेल विमान निर्माता कंपनी दसॉल्ट के सीईओ ने 2016 में हुए 36 राफेल विमान बनाने की डील में घोटालेबाजी की है।
कपिल सिब्बल ने कहा कि राफेल विमान निर्माता कंपनी दसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर भारत के साथ हुए इस डील को लेकर सच छुपाने में लगे हैं। लेकिन कंपनी जितना सच छिपा रही है वह अपने किए ही जाल में फंसते जा रही है।
कपिल सिब्बल ने फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन के सीईओ पर लगाए ये आरोप
कपिल सिब्बल ने मीडिया से बातचीत में कहा, फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने राफेल सौदे में मामले को पेचिदा बनाने में लगे हैं। लेकिन ये उनका बैड लक है कि वह अपने बनाए जाल में फंसते जा रहे है।
कपिल सिब्बल ने कहा, मैं कंपनी दसॉल्ट को इस बात के लिए आगाह करना चाहता हूं कि जितना वो इस डील के बारे में सच छिपाएंगे वह खुद इसमें फंसते चले जाएंगे।
उन्होंने कहा, 'कंपनी से हम इतना चाहते हैं कि वह दही और पानी को एक में ना मिलाए। हम जांच चाहते हैं क्योंकि सौदे में शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है।'
क्या है राफेल डील को लेकर नरेन्द्र मोदी सरकार पर आरोप
बता दें कि इस पूरे मामले में कांग्रेस का पक्ष है कि नरेन्द्र मोदी सरकरा ने अनिल अंबानी को दोस्ती निभाने के लिए जानकर ये सौदा उनको दिया है। कांग्रेस यह आरोप लगाती रही है कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसाल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसका मूल्य पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में किए गए समझौते की तुलना में बहुत अधिक है जिससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
HAL चीफ आर माधवन ने कहा- हम राफेल डील के लिए दावेदार थे ही नहीं
इधर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के नए चीफ आर माधवन ने ये साफ कर दिया है कि कंपनी इस ऑफसेट बिजनेस में नहीं है। उन्होंने कहा कि 30 हजार करोड़ के ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट की दावेदार भी नहीं थी। साथ ही उन्होंने अपने स्टाफ को राफेल डील को लेकर कोई भी राजनीति करने की सलाह नहीं दी है। आर माधवन सितंबर में ही एचएएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर बने हैं। उसके बाद पहली बार उन्होंने इकोनॉमिक्स टाइम्स को इंटरव्यू दिया था।