बैंक लोन, क्रेडिट कार्ड कर्ज, ईएमआई पर सरकार की तरफ से दी गई 3 महीने की छूट को लेकर न पालें कोई भ्रम, जानें क्या है पूरी हकीकत

By रजनीश | Published: March 31, 2020 06:28 PM2020-03-31T18:28:45+5:302020-03-31T18:28:45+5:30

रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस महामरी के आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिये रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती समेत अन्य उपायों की घोषणा की।

Confusion over 3 month moratorium on repayment of term loans means for borrowers | बैंक लोन, क्रेडिट कार्ड कर्ज, ईएमआई पर सरकार की तरफ से दी गई 3 महीने की छूट को लेकर न पालें कोई भ्रम, जानें क्या है पूरी हकीकत

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsबैंक अधिकारी के अनुसार ग्राहकों को इस मोहलत अवधि का लाभ उठाने के लिये अपने बैंकों को सूचित करना होगा कि वे इसका लाभ उठाने चाहते हैं। तभी उन्हें यह लाभ मिलेगा।बैंकों को यह निर्देश दिया गया है कि वे तीन महीनों में कर्ज की किस्त नहीं आने वाले मामलों को एनपीए (फंसा कर्ज) नहीं माने।

मुंबई: कर्जदारों के बीच मकान की किस्त, क्रेडिट कार्ड भुगतान को लेकर संबंधित बैंकों से मोबाइल पर संदेश आने के साथ भ्रम की स्थिति है। वे यह समझ नहीं पा रहे हैं कि रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस महामारी रोकने को लेकर जारी रोक को देखते हुए सभी प्रकार के कर्ज के भुगतान पर जो तीन महीने की रोक लगाने की घोषणा की है, उसके क्रियान्वयन का क्या हुआ।

रिजर्व बैंक ने 27 मार्च को मौजूदा समय में लोगों को होने वाली परेशानियों को देखते हुए कर्ज भुगतान पर तीन महीने की मोहलत देने समेत अन्य उपायों की घोषणा की। कई कर्ज ले रखे लोगों, क्रेडिट कार्ड धारकों तथा म्यूचुअल फंड निवेशकों के पास संबंधित बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों से निर्धारित तिथि को अपने खातों में पर्याप्त राशि रखने को लेकर संदेश आ रहे हैं ताकि किस्त जा सके। इस प्रकार के संदेश व्यक्तिगत, वाहन और मकान कर्ज ले रखे लोगों के पास भी आ रहे हैं।

शहर के एसबीआई कार्ड के एक ग्राहक के पास रविवार को संदेश आया कि वह सालाना शुल्क के भुगतान को लेकर न्यूनतम राशि अपने खाते में रखे। हालांकि व्यक्ति ने अबतक क्रेडिट कार्ड चालू भी नहीं किया है। नवी मुबई में रहने वाले व्यक्ति के पास म्यूचुअल फंड कंपनी से बैंक खाते में जरूरी राशि रखने को कहा गया। उसकी आईसीाईसीसीआई लोम्बार्ड में मासिक निवेश योजना चल रही है।

इसी प्रकार, अमेरिकन एक्सप्रेस क्रेडिट कार्डधारक के पास भुगतान को लेकर मोबइल फोन पर संदेश आया। इस बारे में संपर्क किये जाने पर सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक अधिकारी ने संदेश भेजे जाने की बात स्वीकार की। उसने कहा कि कर्ज भुगतान पर रोक के प्रस्ताव को प्रत्येक बैंकों के निदेशक मंडलों को मंजूरी देनी है। लेकिन कई मामलों में देशव्यापी बंद के कारण निदेशक मंडल की बैठक नहीं हो पा रही है।

लाभ उठाने के लिए बैंक को करना होगा सूचित
बैंक अधिकारी के अनुसार ग्राहकों को इस मोहलत अवधि का लाभ उठाने के लिये अपने बैंकों को सूचित करना होगा कि वे इसका लाभ उठाने चाहते हैं। तभी उन्हें यह लाभ मिलेगा। रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस महामरी के आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिये रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती समेत अन्य उपायों की घोषणा की।

इस कठिन घड़ी में लोगों को राहत देने के लिये सभी प्रकार के कर्ज भुगतान पर तीन महीने की रोक भी लगायी गयी। साथ ही बैंकों को यह निर्देश दिया गया है कि वे तीन महीनों में कर्ज की किस्त नहीं आने वाले मामलों को एनपीए (फंसा कर्ज) नहीं माने। शीर्ष बैंक ने क्रेडिट इनफार्मेशन ब्यूरो से भी इस मोहलत अवधि के दौरान गैर-निष्पादित परिसंपत्ति के बारे में रिपोर्ट नहीं करने को कहा है।

ब्याज सहित चुकाना होगा बकाया राशि
एक अन्य बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई भाषा से कहा कि इस मोहलत को कर्ज को बट्टे खाते में डाला नहीं समझा जाना चाहिए। उसने कहा, ‘‘यह कर्ज को बट्टे खाते में डालना नहीं है। बल्कि सरकार ने केवल उन लोगों को एक राहत दी है जिनकी नौकरियां इस बंद के कारण प्रभावित हुई हैं या वेतन आने में विलम्ब हो रहा है।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘अंतत: प्रत्येक ग्राहक को ब्याज के साथ बकाये राशि का भुगतान करना होगा।’’

आसान शब्दों में कहें तो कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते लोग जिन कंपनियों, ऑफिसों में नौकरी करते थे वहां भी काम बंद हो गया है। ऐसे में कई लोगों के सामने वेतन की समस्या उत्पन्न हो गई है। ऐसी स्थिति में जिन लोगों ने कहीं से भी कोई कर्ज ले रखा होगा वो उसकी किश्त नहीं चुका पाएंगे। इसी स्थिति को देखते हुए सरकार ने संस्थानों को 3 महीने तक छूट देने के लिए कहा है जिससे ग्राहकों को राहत मिल सके।

सरकार के इस फैसले का मतलब यह बिल्कुल भी न निकालें की आपकी 3 महीने की किश्त पूरी तरह से माफ कर दी गई है। इन तीनों महीनों की किश्त आपको चुकानी होगी और ब्याज सहित चुकता करना होगा। सिर्फ आपको इसके लिए आगे का समय दिया जाएगा। 

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Web Title: Confusion over 3 month moratorium on repayment of term loans means for borrowers

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