पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तबीयत में नहीं हुआ कोई बदलाव, अभी भी हैं वेंटिलेटर सपोर्ट पर
By रामदीप मिश्रा | Updated: August 22, 2020 13:37 IST2020-08-22T12:04:23+5:302020-08-22T13:37:17+5:30
पूर्व राष्ट्रपति की जांच में कोरोना वायरस संक्रमण की भी पुष्टि हुई थी। इसके बाद उनके फेफड़ों में संक्रमण हो गया था जिसका इलाज किया जा रहा है। अस्पताल में डॉक्टरों का एक दल उनके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखे है।

फाइल फोटो
नई दिल्लीः पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के स्वास्थ्य की स्थिति में शनिवार (22 अगस्त) को भी कोई बदलाव नहीं आया और वह जीवनरक्षक प्रणाली पर ही हैं। यह जानकारी दी दिल्ली छावनी स्थित सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल की ओर से दी गई है। मुखर्जी को अस्पताल में 10 अगस्त को भर्ती कराया गया था और उनकी मस्तिष्क की सर्जरी हुई थी।
ताजा अपडेट के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत में आज सुबह भी कोई बदलाव नहीं आया। वो कोमा में हैं और श्वसन संक्रमण के लिए उनका इलाज किया जा रहा है। उनके प्रमुख पैरामीटर स्थिर हैं और वो अभी भी वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।
पूर्व राष्ट्रपति की जांच में कोरोना वायरस संक्रमण की भी पुष्टि हुई थी। इसके बाद उनके फेफड़ों में संक्रमण हो गया था जिसका इलाज किया जा रहा है। अस्पताल में डॉक्टरों का एक दल उनके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखे है।
The condition of former president Pranab Mukherjee remains unchanged this morning. He is deeply comatose and is being treated for respiratory infection. His vital parameters are stable and he continues to be on ventilatory support: Army Hospital (R&R), Delhi Cantt (File Photo) pic.twitter.com/InDdaO90oh
— ANI (@ANI) August 22, 2020
बीते दिन अस्पताल की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया था कि प्रणब मुखर्जी की चिकित्सकीय हालत वैसी ही बनी हुई है। उनके फेफड़ों में संक्रमण का इलाज किया जा रहा है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। उनके महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मानकों पर नजर रखी जा रही है और उनके हृदय के काम करने की स्थिति स्थिर है। मुखर्जी 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति थे।
प्रणब मुखर्जी के बीमार होने पर उनकी पुत्री एवं कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भगवान से प्रार्थना की और उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था, 'पिछले साल आठ अगस्त का दिन मेरे लिए सर्वाधिक प्रसन्नता के दिनों में से एक था जब मेरे पिता को भारत रत्न मिला था। ठीक एक साल बाद 10 अगस्त को वह गंभीर रूप से बीमार हो गए। उनके पिता के लिए जो भी सर्वश्रेष्ठ हो, ईश्वर वह करें और मुझे जीवन में आने वाले खुशी और दुख के क्षणों को समान रूप से सहने की शक्ति प्रदान करें। मैं उनके लिए चिंता करने वाले सभी लोगों का धन्यवाद व्यक्त करती हूं।'