पाकिस्तानी पत्रकार ने भारत में पैगंबर मोहम्मद के बारे में बयान पर विवाद को लेकर अमेरिकी अधिकारी से पूछा सवाल, मिला ये जवाब
By भाषा | Published: June 17, 2022 11:12 AM2022-06-17T11:12:04+5:302022-06-17T11:16:09+5:30
अमेरिका ने भाजपा से निलंबित नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर दिए बयान की आलोचना की है। साथ ही खुशी जताई कि भाजपा ने ऐसे बयानों की सार्वजनिक तौर पर निंदा की और दो नेताओं को निष्कासित किया।
वाशिंगटन: अमेरिका ने कहा है कि वह पैगंबर मोहम्मद को लेकर की गई भाजपा से निलंबित और निष्कासित दो पदाधिकारियों की टिप्पणियों की निंदा करता है और भारत को मानवाधिकारों के सम्मान को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करता है। भाजपा ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणियां करने पर पांच जून को अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा को निलंबित कर दिया था और अपनी दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
कई मुस्लिम देशों एवं समूहों ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणियों की निंदा की, जिसके बाद पार्टी ने एक बयान जारी कर स्वयं को इन सदस्यों के बयानों से अलग करते हुए अल्पसंख्यकों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की। पार्टी ने कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धार्मिक हस्ती के अपमान की निंदा करती है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बृहस्पतिवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में एक पाकिस्तानी पत्रकार के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, ‘‘हमने इसकी निंदा की है। हम भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के दो (पूर्व) पदाधिकारियों की अपमानजनक टिप्पणियों की निंदा करते हैं और हमें यह देखकर खुशी हुई कि पार्टी ने उनके बयानों की सार्वजनिक तौर पर निंदा की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम धर्म या आस्था की स्वतंत्रता समेत मानवाधिकार से जुड़ी चिंताओं को लेकर वरिष्ठ स्तर पर भारत सरकार के साथ नियमित संवाद करते रहते हैं।’’ प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम भारत को मानवाधिकारों के सम्मान को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। (अमेरिका के) विदेश मंत्री जब पिछले साल नयी दिल्ली में थे, तो उन्होंने कहा था कि भारतीय और अमेरिकी लोग समान मूल्यों-मानव की गरिमा, मानव का सम्मान, अवसर की समानता और धर्म या आस्था की स्वतंत्रता- में भरोसा करते हैं।’’
वह अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की पिछल साल जुलाई में की गई भारत यात्रा का जिक्र कर रहे थे। प्राइस ने कहा कि ये लोकतंत्र के उनके मूलभूत मूल्य हैं और अमेरिकी दुनिया भर में इनके समर्थन में आवाज उठाते हैं।