बाजार में फेरीवालों की बढ़ती संख्या से चिंतित अदालत ने कहा : कानून के शासन की रक्षा करनी होगी

By भाषा | Updated: November 17, 2021 18:57 IST2021-11-17T18:57:25+5:302021-11-17T18:57:25+5:30

Concerned over the increasing number of hawkers in the market, the court said: The rule of law has to be protected | बाजार में फेरीवालों की बढ़ती संख्या से चिंतित अदालत ने कहा : कानून के शासन की रक्षा करनी होगी

बाजार में फेरीवालों की बढ़ती संख्या से चिंतित अदालत ने कहा : कानून के शासन की रक्षा करनी होगी

नयी दिल्ली, 17 नवंबर राष्ट्रीय राजधानी में अवैध फेरीवालों (हॉकर) की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा, ‘‘हम नगर को बर्बाद होने की अनुमति नहीं दे सकते और हम यहां कानून के शासन की रक्षा के लिए हैं।"

अदालत ने कहा कि दिल्ली का क्षेत्रफल स्थिर है और "ऐसा प्रतीत होता है कि यह फट रहा है", जबकि आबादी बढ़ती जा रही है। अदालत ने सवाल किया कि अधिकारी कितने विक्रेताओं को अनुमति देने जा रहे हैं।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा, ‘‘आज हमें जो बात परेशान कर रही है और हमारे लिए चिंता का विषय है कि फेरीवालों की संख्या कितनी है? आपकी आबादी भले ही बढ़ती रहे लेकिन दिल्ली का क्षेत्रफल स्थिर है। तो आप कितने ऐसे विक्रेताओं को अनुमति देने जा रहे हैं? जोन क्या हैं? वे सब कहां होंगे...।’’

पीठ ने कहा, "कृपया ऐसी जगह को समझें जहां करीब 120 तहबाजारी अधिकार धारक हैं, वहां लगभग 4000 (विक्रेता) हैं... लोग कहां चलते हैं? हम एक और लाजपत नगर नहीं चाहते। हमें दूसरा नेहरू प्लेस नहीं चाहिए... आज क्या योजना है? संख्या क्या है?"

चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल की याचिका पर पीठ ने नोटिस जारी करते हुए दिल्ली सरकार, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और ‘टाउन वेंडिंग कमेटी’ (टीवीसी) आदि से जवाब मांगे हैं। याचिका में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली पथ विक्रेता (जीविका संरक्षण और पथ विक्रय विनियमन) योजना, 2019 के विभिन्न प्रावधानों को रद्द करने के लिए निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव राल्ली और वकील मोहित मुद्गल ने कहा कि यह योजना मनमाना, भेदभावपूर्ण, अवैध और मूल कानून तथा नियमों के विपरीत है। पीठ ने अधिकारियों को दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

जब वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने अदालत से तीन महीने का समय देने का अनुरोध किया और कहा कि चीजें ठीक हो जाएंगी, तो पीठ ने कहा, "तीन महीने भूल जाइए, तीन महीने बहुत लंबा समय है, एक दिन भी नहीं ... हमने कुछ भी नहीं कहा है या टीवीसी की कार्रवाई पर रोक लगाने का कोई आदेश नहीं पारित किया है।’’

पीठ ने कहा कि अदालत हमेशा कहती रही है कि वह विक्रेताओं और फेरीवालों को आर्थिक व्यवस्था के आवश्यक हिस्से के तौर पर मान्यता देती है। ‘‘लेकिन हम हैरान हैं ... हम विक्रेताओं की याचिकाओं से भर गए हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Concerned over the increasing number of hawkers in the market, the court said: The rule of law has to be protected

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे