कोवैक्सीन टीके के लिए सहमति पत्र में प्रतिकूल प्रभाव होने की स्थिति में मुआवजे का आश्वासन दिया गया

By भाषा | Published: January 16, 2021 06:17 PM2021-01-16T18:17:09+5:302021-01-16T18:17:09+5:30

Compensation assured in case of adverse effects in the consent form for covaxine vaccine | कोवैक्सीन टीके के लिए सहमति पत्र में प्रतिकूल प्रभाव होने की स्थिति में मुआवजे का आश्वासन दिया गया

कोवैक्सीन टीके के लिए सहमति पत्र में प्रतिकूल प्रभाव होने की स्थिति में मुआवजे का आश्वासन दिया गया

नयी दिल्ली, 16 जनवरी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में शनिवार को कोवैक्सीन का टीका लगवाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एक सहमति पत्र (कंसेंट फॉर्म) बनाया गया था जिस पर उन्हें हस्ताक्षर करने थे। इस फॉर्म में यह वादा किया गया है कि अगर टीके की वजह से किसी तरह का ‘‘दुष्प्रभाव या गंभीर प्रभाव’’ पड़ता है तो मुआवजा दिया जायेगा।

कोवैक्सीन ने चरण एक और चरण दो परीक्षणों में कोविड -19 के खिलाफ एंटीबॉडी का निर्माण करने की क्षमता को प्रदर्शित किया है।

फॉर्म में कहा गया है, ‘‘हालांकि, क्लीनिकल प्रभावशीलता संबंधी तथ्य को स्थापित किया जाना अभी बाकी है और इसका अभी भी चरण-3 क्लीनिकल ट्रायल में अध्ययन किया जा रहा है।’’

इसमें कहा गया है कि इसलिए यह जान लेना महत्वपूर्ण है कि टीके की खुराक लेने का मतलब यह नहीं है कि कोविड-19 से संबंधित अन्य सावधानियों का पालन नहीं किया जाना चाहिए।

अधिकारियों ने बताया कि प्रतिकूल प्रभाव के मामले में पीड़ित व्यक्ति को सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकीय रूप से मान्यता प्राप्त देखभाल प्रदान की जाएगी।

फॉर्म में कहा गया है, ‘‘गंभीर प्रतिकूल प्रभाव होने पर मुआवजा दवा कंपनी (भारत बायोटेक) द्वारा तब दिया जायेगा जब यह साबित हो जाता है कि दुष्प्रभाव टीके के कारण हुआ है।’’

टीका लगवाने वालों को एक ‘फैक्टशीट’ और सात दिनों के भीतर प्रतिकूल प्रभावों की सूचना देने के लिए एक प्रपत्र भी दिया गया।

एम्स में फॉर्म पर हस्ताक्षर करने के बाद कोवैक्सीन का टीका लगवाने वालों में निदेशक रणदीप गुलेरिया और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डा. वी के पॉल भी शामिल थे।

भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी तौर पर विकसित कोवैक्सीन को जनहित में आपात स्थितियों में सीमित इस्तेमाल की मंजूरी दी गई थी।

राष्ट्रीय राजधानी के सभी 11 जिलों में 81 स्थानों पर टीके लगाए जा रहे हैं। इनमें केंद्र सरकार द्वारा संचालित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), सफदरजंग, आरएमएल, कलावती सरन बाल चिकित्सालय तथा ईएसआई के दो अस्पताल भी शामिल हैं।

इसके अलावा, इनमें दिल्ली सरकार द्वारा संचालित लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल, जीटीबी अस्पताल, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, डीडीयू अस्पताल, बीएसए अस्पताल, दिल्ली राजकीय कैंसर संस्थान, आईएलबीएस अस्पताल आदि भी टीकाकरण केंद्रों में शामिल हैं।

साथ ही, मैक्स अस्पताल, फोर्टिस अस्पताल, अपोलो अस्पताल, और सर गंगाराम अस्पताल जैसे निजी अस्पतालों को भी शामिल किया गया है।

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Web Title: Compensation assured in case of adverse effects in the consent form for covaxine vaccine

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