समिति ने अंकों के आधार पर मेडिसिन में दाखिले के लिए नए कानून का सुझाव दिया: तमिलनाडु सरकार
By भाषा | Published: September 2, 2021 06:58 PM2021-09-02T18:58:00+5:302021-09-02T18:58:00+5:30
तमिलनाडु सरकार ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में कहा कि एक आधिकारिक समिति ने योग्यता परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर चिकित्सा जैसे पेशेवर पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए राज्य द्वारा एक कानून बनाने का सुझाव दिया है।सरकार ने कहा कि सदन में पारित होने के बाद प्रस्तावित विधेयक के लिए राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त की जानी चाहिए, जिससे सामाजिक न्याय सुनिश्चित होगा और यह राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को समाप्त करने की आवश्यकता का भी संकेत देता है।अपने विभाग के लिये विधानसभा में नीतिगत नोट (2021-22) रखते हुए स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यन ने कहा कि इस पहल से सामाजिक न्याय सुनिश्चित होगा और कमजोर वर्ग से आने वाले छात्र समुदाय को चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रमों में प्रवेश में भेदभाव से बचाएगी। नोट में कहा गया, “सचिवों की समिति ने तमिलनाडु अधिनियम संख्या 3/2007 की तरह एक अधिनियम को लागू करने का सुझाव दिया है, जो चिकित्सा शिक्षा में नीट को खत्म करने की आवश्यकता को दर्शाता है और इसके लिये राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त करता है।” इसमें कहा गया है कि यह सामाजिक न्याय सुरक्षित करेगा। तमिलनाडु का 2007 का कानून अर्हक परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर इंजीनियरिंग, चिकित्सा, दंत चिकित्सा और अन्य संबद्ध पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिलाता है और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है।
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