कॉलेजियम ने तीन महिला न्यायाधीशों के नामों की उच्चतम न्यायालय में नियुक्ति की सिफारिश की
By भाषा | Published: August 18, 2021 10:12 PM2021-08-18T22:12:49+5:302021-08-18T22:12:49+5:30
उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने एक अभूतपूर्व निर्णय के तहत तीन महिला न्यायाधीशों को उच्चतम न्यायालय में नियुक्त करने की सिफारिश की है और अगर इसे मंजूरी दी जाती है तो न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना 10 फरवरी 2027 को भारत की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बन सकती हैं। प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने सर्वोच्च अदालत में न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए केंद्र को नौ नामों की सिफारिश की है। 26 जनवरी 1950 को गठित उच्चतम न्यायालय में अब तक काफी कम संख्या में महिला न्यायाधीश नियुक्त हुई हैं और पिछले 71 वर्षों में केवल आठ महिला न्यायाधीश की नियुक्ति हुई है। सबसे पहले एम. फातिमा बीबी 1989 में उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश बनी थीं। वर्तमान में न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी एकमात्र महिला न्यायाधीश हैं जो उच्चतम न्यायालय में सेवारत हैं। वह सात अगस्त 2018 को मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से पदोन्नत होकर उच्चतम न्यायालय आई थीं। न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना के अलावा गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और तेलंगाना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली के नाम की भी उच्चतम न्यायालय में नियुक्ति के लिए सिफारिश की गई है। पांच सदस्यीय कॉलेजियम में न्यायमूर्ति यू. यू. ललित, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव भी शामिल हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।