कर्नाटक कैबिनेट ने कुमारस्वामी के नेतृत्व पर जताया भरोसा, उपमुख्यमंत्री ने कहा- जानादेश राज्य सरकार के लिए नहीं
By भाषा | Published: May 25, 2019 12:09 AM2019-05-25T00:09:16+5:302019-05-25T00:09:31+5:30
भाजपा ने बृहस्पतिवार को आए लोकसभा चुनाव के नतीजों में राज्य की 28 सीटों में 25 पर जीत दर्ज की, जिसने राज्य की एक साल पुरानी कुमारस्वामी सरकार की स्थिरता को लेकर गठबंधन को कुछ परेशानी में डाल दिया है।
लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के एक दिन बाद कर्नाटक में राज्य कैबिनेट की शुक्रवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व पर भरोसा जताया गया। साथ ही, यह भी कहा गया कि गठबंधन जारी रहेगा। राज्य में कांग्रेस-जदएस गठबंधन के लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन की समीक्षा के लिए कैबिनेट की एक अनौपचारिक बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि बृहस्पतिवार को आया जानादेश केंद्र की सरकार के लिए है, ना कि राज्य सरकार के लिए।
कांग्रेस नेता परमेश्वर ने भाजपा पर राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन उनके मंसूबों को सफल नहीं होने देगा। परमेश्वर ने कहा, ‘‘...हमने मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के नेतृत्व पर भरोसा जताया है। यह फैसला आज सभी मंत्रियों ने लिया।’’ उन्होंने कहा कि सभी विधायक उनके साथ हैं और गठबंधन कुमारस्वामी के नेतृत्व के तहत काम करना जारी रखेगा। इस सरकार को कोई खतरा नहीं है।
सरकार में मौजूद शीर्ष सूत्रों ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम जब कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने कुमारस्वामी से मुलाकात की तब उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की थी। लेकिन उन्होंने उन्हें मनाया और उनसे गठबंधन सरकार का नेतृत्व करते रहने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ‘‘अब इस्तीफा का विषय खत्म हो गया है।’’
इस बीच, शाम में कुमारस्वामी ने कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया से मुलाकात की और और चुनाव नतीजों तथा संबद्ध घटनाक्रमों पर चर्चा की। दरअसल, भाजपा ने बृहस्पतिवार को आए लोकसभा चुनाव के नतीजों में राज्य की 28 सीटों में 25 पर जीत दर्ज की, जिसने राज्य की एक साल पुरानी कुमारस्वामी सरकार की स्थिरता को लेकर गठबंधन को कुछ परेशानी में डाल दिया है। कांग्रेस सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल कर सकी। इसे राज्य में कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन बताया जा रहा है। जेडीएस ने एक सीट जीती जबकि एक सीट निर्दलीय के खाते में गई। दक्षिण भारत में कर्नाटक ही एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां भाजपा को अच्छी खासी सफलता मिली है।