सीएम योगी का बड़ा फैसला, यूपी में एस्मा लागू, 6 माह के लिए प्रदेश में हड़ताल पर रोक, जानें 2020 में इससे पहले किन राज्यों में लगा ESMA
By अनुराग आनंद | Published: November 25, 2020 05:28 PM2020-11-25T17:28:54+5:302020-11-25T18:29:06+5:30
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी इस आदेश के बाद कर्मचारी 25 मई तक हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अगले 6 माह के लिए प्रदेश में एस्मा कानून लागू कर दिया है। इस कानून के लागू होते ही प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारी अगले 6 माह तक किसी तरह का विरोध प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे और न ही धरना प्रदर्शन में शामिल हो पाएंगे।
बता दें कि मिल रही जानकारी के मुताबिक, इस बारे में अपर मुख्य सचिव कार्मिक मुकुल सिंघल ने अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य सरकार के इस आदेश के बाद कर्मचारी 25 मई तक हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे। राज्य सरकार के इस फैसले को कोरोना के बढ़ते प्रभाव का भी एक कारण माना जा रहा है।
जानें इस साल 2020 में इससे पहले किन 4 राज्यों में लगाया गया एस्मा-
1 त्रिपुरा में लगाया गया था एस्मा
बता दें कि 2020 के अप्रैल माह में कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर त्रिपुरा के एक सरकारी अस्पताल में कुछ नर्सों द्वारा मास्क और अन्य सुरक्षात्मक उपकरणों की कमी की शिकायत किये जाने के बाद त्रिपुरा सरकार ने आवश्यक सेवा प्रबंधन अधिनियम (एस्मा) लागू कर दिया था। त्रिपुरा, मध्य प्रदेश के बाद 1986 का यह कानून लागू करने वाला दूसरा राज्य था, जो पुलिस को एस्मा के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार देता है।
इसके तहत, डाक और टेलीग्राफ, रेलवे, हवाई अड्डे और बंदरगाह जैसी ‘‘आवश्यक सेवाओं’’ के कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने पर पाबंदी होती है। इस कानून को लागू करने के फैसले से पहले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने चेतावनी दी थी कि जीबी पंत अस्पताल में मास्क और अन्य सुरक्षात्मक उपकरणों की कमी के बारे में जिन नर्सों ने मीडिया में शिकायत की है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
2 ओडिशा ने तालचेर के कोयला क्षेत्र में एस्मा को छह माह के लिए बढ़ाया गया था
बता दें कि इसी साल के मई माह में ओडिशा सरकार ने परमाणु संयंत्रों में निर्बाध कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हड़ताल को प्रतिबंधित करते हुए तालचेर के महानदी कोयला क्षेत्र लिमिटेड (एमसीएल) इलाकों में लागू ओडिशा आवश्यक सेवा (अनुरक्षण) कानून, 1988 या एस्मा को छह महीनों के लिए बढ़ा दिया है। एमसीएल तालचेर के कोयला क्षेत्रों में बार-बार हड़ताल के कारण विद्युत उत्पादन में मुश्किलें पैदा होने से रोकने के लिए 15 मई, 2019 को एस्मा लागू किया गया था। बीते दिनों की अधिसूचना के अनुसार इसे छह और महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
एक अधिकारी ने कहा कि एमसीएल में अकसर विरोध प्रदर्शन होते रहते हैं। इस क्षेत्र को जनहित के लिए कोयला उत्पादन और ढुलाई के लिए सुरक्षित रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल यहां कई बार हड़ताल हुई थी और पुलिस को क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। अधिकारी ने बताया था कि इस साल भी इसी प्रकार के हालात पैदा होने की आशंका के कारण सरकार ने 16 मई से एस्मा को छह और महीने के लिए लागू करने का निर्णय लिया हैं
3 असम सरकार ने तेल और गैस क्षेत्र के कर्मचारियों की हड़ताल पर एस्मा लगाया था
इसी साल के जनवरी माह के पहले ही दिन से असम सरकार ने राज्य में तेल और गैस क्षेत्र के कर्मचारियों की हड़ताल पर एस्मा के तहत छह माह के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार यह प्रतिबंध 31 दिसंबर, 2019 से लगाया गया था।
विज्ञप्ति में कहा गया कि आवश्यक सेवा रखरखाव (असम) अधिनियम, 1980 के तहत अधिकारियों, कर्मचारियों, ठेका मजदूरों, चालकों और क्षेत्र में टैंकर कर्मी और उनके सहायकों की हड़ताल निषिद्ध होगी। इसमें कहा गया है कि सार्वजनिक हित में यह फैसला लिया गया है और किसी भी तेल क्षेत्र, रिफाइनरी या तेल व प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करने वाले संस्थान इसके अंतर्गत आएंगे।
4 कोरोना वायरस के बेहतर प्रबंधन के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने लगाया था एस्मा
इसी साल के अप्रैल माह में कोरोना वायरस के तेजी से फैलने के चलते इसके बेहतर प्रबंधन के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने नागरिकों के हित को देखते हुए अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून :एस्मा: लागू कर दिया था।
अप्रैल माह में इस कानून को लागू करने से पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्विटर पर लिखा था कि नागरिकों के हित को देखते हुए बेहतर प्रबंधन के लिए आज से सरकार ने मध्य प्रदेश में एसेंशियल सर्विसेज़ मैनेजमेंट एक्ट जिसे एस्मा या हिंदी में ‘अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून’ कहा जाता है, तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।'
(एजेंसी इनपुट के आधार पर)