पुराने तेवर में लौटे अरविंद केजरीवाल, उप-राज्यपाल आवास के बाहर बैठे धरने पर
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: May 14, 2018 06:37 PM2018-05-14T18:37:23+5:302018-05-14T18:37:23+5:30
दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगवाने के प्रोजेक्ट पर राजनीतिक घमसान बढ़ता जा रहा है। ऐसे में आज अपने पुराने तेवर में लौटते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल धरने पर बैठ गए।
दिल्ली, 14 मई: दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगवाने के प्रोजेक्ट पर राजनीतिक घमसान बढ़ता जा रहा है। ऐसे में आज अपने पुराने तेवर में लौटते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल धरने पर बैठ गए। केजरीवाल दिल्ली में सीसीटीवी लगाने के टेंडर को रोकने के मामले को लेकर उप-राज्यपाल अनिल बैजल के आवास के बाहर धरने पर बैठे।
केजरीवाल के साथ उनके विधायक और मंत्री भी इस धरने पर बैठे नजर आए। यहां पर उन्होंने उप-राज्यपाल पर भेदभाव करने का आरोप भी लगाया है। हांलाकि केजरीवाल के धरने पर बैठने के बाद एलजी ने दिल्ली सरकार की कैबिनेट को मिलने की अनुमति दी। लेकिन केजरीवाल ने फिर मिलने से मना कर दिया।
उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी के सभी विधायक आम जनता के प्रतिनिधि हैं, लिहाजा सभी को मिलने के लिए बुलाया जाना चाहिए।केजरीवाल का आरोप है कि केंद्र सरकार के दवाब में आकर उपराज्यपाल अनिल बैजल सीसीटीवी प्रोजक्ट को रोकने की कोशिश कर रहे है। दरअसल दिल्ली के एलजी ने इस प्रोजेक्ट से जुड़ी फाइल को मंजूरी नहीं दी है।
दिल्ली में सीसीटीवी का बीजेपी इतना जमकर क्यों विरोध कर रही है?
— Manish Sisodia (@msisodia) May 14, 2018
क्योकि अगर गली, मोहल्लों, सड़कों पर सीसीटीवी लग गए तो इनकी दंगों की राजनीति कैमरों में कैद हो जाएगी।
दिल्ली में सीसीटीवी का बीजेपी इतना जमकर क्यों विरोध कर रही है?
— Manish Sisodia (@msisodia) May 14, 2018
क्योकि अगर गली, मोहल्लों, सड़कों पर सीसीटीवी लग गए तो इनकी दंगों की राजनीति कैमरों में कैद हो जाएगी।
जबकि केजरीवाल ने इस प्रोजक्ट को महिला सुरक्षा का एक बड़ा कदम बताया है।वहीं, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उप राज्यपाल (एलजी) को पत्र लिखकर उनसे मिलने के लिए समय भी मांगा था।दिल्ली कांग्रेस ने रविवार को इस मुद्दे पर केजरीवाल सरकार के खिलाफ कैंडल मार्च किया था