CJI यौन उत्पीड़न मामलाः जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा- महिला की अनुपस्थिति में जांच ठीक नहीं, SC की छवि को लगेगा धक्का

By रामदीप मिश्रा | Published: May 5, 2019 11:06 AM2019-05-05T11:06:14+5:302019-05-05T11:55:28+5:30

CJI Sexual harassment allegations: जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस आर नरीमन ने शुक्रवार शाम को जांच समिति से मुलाकात की है।  इस दौरान दोनों जजों ने जांच समिति के सामने अपनी चिंताएं जाहिर कीं।

CJI Sexual harassment allegations: Do not probe in woman absence says Justice Chandrachud | CJI यौन उत्पीड़न मामलाः जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा- महिला की अनुपस्थिति में जांच ठीक नहीं, SC की छवि को लगेगा धक्का

CJI यौन उत्पीड़न मामलाः जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा- महिला की अनुपस्थिति में जांच ठीक नहीं, SC की छवि को लगेगा धक्का (फाइल फोटो)

Highlightsजस्टिस चंद्रचूड़ ने जांच पैनल को लिखा कि अगर शिकायतकर्ता जांच से हट गई है, तो उसकी अनुपस्थिति में जांच जारी रखना ठीक नहीं है।जस्टिस चंद्रचूड़ वरिष्ठता क्रम में 10वें नंबर पर हैं। वह 2022 से लेकर 2024 तक मुख्य न्यायाधीश बनने की लिस्ट में शामिल हैं।इस मामले में चल रही आंतरिक जांच समिति में जस्टिस एसए बोबड़े, इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच को लेकर जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने मांग की है कि इस मामले की जांच महिला की उपस्थिति के बिना न की जाए। दरअसल, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व कर्मी ने जांच कर रही आंतरिक समिति के माहौल को बहुत डरावना बताया था और समिति के सामने पेश नहीं होने का फैसला किया था।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस आर नरीमन ने शुक्रवार शाम को जांच समिति से मुलाकात की है।  इस दौरान दोनों जजों ने जांच समिति के सामने अपनी चिंताएं जाहिर कीं। बता दें, जस्टिस आर नरीमन वरिष्ठता के क्रम में पांचवे स्थान पर हैं और कोलेजियम के मौजूदा सदस्य हैं। वहीं, जस्टिस चंद्रचूड़ वरिष्ठता क्रम में 10वें नंबर पर हैं। वह 2022 से लेकर 2024 तक मुख्य न्यायाधीश बनने की लिस्ट में शामिल हैं।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने जांच पैनल में शामिल तीन न्यायाधीशों को लिखा कि अगर शिकायतकर्ता जांच से हट गई है, तो उसकी अनुपस्थिति में जांच जारी रखने का फैसला करना सुप्रीम कोर्ट की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाएगा। इस मामले में चल रही आंतरिक जांच समिति में जस्टिस एसए बोबड़े, इंदू मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी शामिल हैं।

इससे पहले जांच समिति ने महिला के जांच में शामिल होने से इनकार करने के बाद भी जांच जारी रखने का फैसला लिया था। वहीं, महिला ने जांच में शामिल न होने को लेकर कहा था कि उसे 26 से 29 अप्रैल को दर्ज किये गये उसके बयान की प्रति भी नहीं दी गई। मुझे लगा कि इस समिति से मुझे न्याय नहीं मिलने वाला इसलिये मैं तीन न्यायाधीशों की समिति की कार्यवाही में अब और हिस्सा नहीं लूंगी। 

उसने कहा था, ‘‘मैं आज समिति की कार्यवाही छोड़ने के लिए बाध्य हूं क्योंकि समिति इस बात को स्वीकार करती नहीं दिखती कि यह साधारण शिकायत नहीं है बल्कि एक वर्तमान सीजेआई के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत है और इसलिए ऐसी प्रक्रिया अपनाना जरूरी है जो निष्पक्षता और समानता सुनिश्चित करेगी।’’ 

महिला ने दावा किया था कि समिति ने उससे बार-बार पूछा कि उन्होंने यौन उत्पीड़न की यह शिकायत इतनी देरी से क्यों की। उन्होंने कहा था, ‘‘मुझे समिति का माहौल बहुत डरावना लगा और मैं उच्चतम न्यायालय के तीन जजों के सामने होने और उनके सवालों की वजह से बहुत घबराई रही, जहां मेरे वकील मौजूद नहीं थे।’’ 

गौरतलब है कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन शोषण के आरोपों की खबर के बाद हर कोई सकते में था। सुप्रीम कोर्ट में काम करने वाली एक महिला ने इस तरह के संगीन आरोप लगाए थे और इस संबंध में 26 वरिष्ठ कानूनविदों को चिट्ठी भी लिखी गई थी। इस तरह की खबर को चीफ जस्टिस ने सिरे से खारिज कर दिया था और कहा था कि आज तक के कानूनी करियर में यह बेहद दुख का पल है।

English summary :
Justice DY Chandrachud has demanded that the matter should not be investigated in the absence of a woman (complainant), in connection with the investigation into allegations of sexual harassment against Supreme Court Chief Justice Ranjan Gogoi.


Web Title: CJI Sexual harassment allegations: Do not probe in woman absence says Justice Chandrachud

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