नागरिकता बिल: जेडीयू में मतभेद, शिवसेना के बदले तेवर, क्या बढ़ेंगी राज्यसभा में सरकार की मुश्किलें?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 11, 2019 10:42 AM2019-12-11T10:42:15+5:302019-12-11T10:42:15+5:30
JDU, Shiv Sena on CAB: नागरिकता संशोधन बिल को लेकर जेडीयू और शिवसेना के बदले तेवर से क्या बढ़ेंगी सरकार की मुश्किलें
नागरिकता संशोधन बिल को बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। सोमवार को लोकसभा में ये बिल 80 के मुकाबले 311 मतों से पास हुआ था।
इस बिल को राज्यसभा में पास कराने को लेकर भले ही सरकार आश्वस्त हो लेकिन एनडीए में उसके सहयोगी दल जेडीयू के कुछ नेताओं के इसके खिलाफ बयानबाजी और शिवसेना के इस बिल की चीजें स्पष्ट होने तक इसके राज्यसभा में समर्थन न करने के बयान से राज्यसभा का गणित रोचक हो गया है।
जेडीयू के दो वरिष्ठ नेताओं ने जताई सीएबी को लेकर नाराजगी
एनडीए में शामिल जेडीयू ने इस बिल का लोकसभा में समर्थन किया था। लेकिन पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं प्रशांत किशोर और पवन के वर्मा ने मंगलवार को इस विवादास्पद बिल को लेकर पार्टी के रुख पर निराशा जताई थी।
Disappointed to see JDU supporting #CAB that discriminates right of citizenship on the basis of religion.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 9, 2019
It's incongruous with the party's constitution that carries the word secular thrice on the very first page and the leadership that is supposedly guided by Gandhian ideals.
किशोर ने ट्विटर पर इस बिल की आलोचना करते हुए इसे पार्टी के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत के खिलाफ बताया था। उन्होंने ये भी कहा कि वह इस बिल पर जेडीयू के समर्थन से निराश हैं। कुछ ऐसे ही विचार पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता पवन वर्मा ने भी व्यक्त किए थे।
जेडीयू राज्यसभा में भी कर सकती है समर्थन?
ऐसे में ये देखने वाली बात होगी कि क्या जेडीयू इस बिल का राज्यसभा में समर्थन करती है या नहीं। जेडीयू के राज्यसभा में तीन सांसद हैं। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेडीयू इन दो नेताओं के विरोध के बावजूद इस बिल का राज्यसभा में समर्थन करने का मन बना चुकी है।
एएनआई के मुताबिक, जेडीयू सांसदों का कहना है कि पार्टी इस बिल का राज्यसभा में भी समर्थन करेगी। इन सांसदों का कहना है कि अगर प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को कोई असहमति थी तो उसकी चर्चा पार्टी के साथ करनी चाहिए थी, न कि सार्वजनिक तौर पर।
शिवसेना ने भी बिल को लेकर दिखाए उलट तेवर
वहीं लोकसभा में इस बिल का समर्थन करने वाली शिवसेना ने भी मंगलवार को इसे लेकर अपना संशय व्यक्त किया। पार्टी प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नागरिकता संशोधन बिल को लेकर कहा कि जब तक इसकी चीजें स्पष्ट नहीं हो जाती, पार्टी इसका समर्थन नहीं करेगी। उद्धव ने कहा कि इस बिल से जुड़े हर नागरिक के डर को दूर करना सरकार का काम है।
राज्यसभा में जेडीयू और शिवसेना के तीन-तीन सांसद है। अगर ये दोनों पार्टियां राज्यसभा में इस बिल के खिलाफ वोट करती हैं, तब भी सरकार को इस बिल को पास कराने में दिक्कत होने की संभावना काफी कम है।
राज्यसभा की मौजूदा स्ट्रेंथ 240 सदस्यों की है, यानी बहुमत के लिए 121 सदस्यों की जरूरत है। बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के पास 116 सदस्यों का समर्थन है, जबकि उसे 14 अन्य सदस्यों का भी समर्थन मिलने का अनुमान है।
वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए और विपक्षी दलों समेत इस बिल के खिलाफ करीब 110 सदस्य हैं। यानी जेडीयू, शिवसेना का विरोध भी सरकार के लिए राज्यसभा में शायद ही मुश्किलें खड़ी कर पाए।