CAB Debate: अमित शाह ने राज्यसभा में कहा- पाकिस्तान और कांग्रेस के नेताओं के बयानों में समानता

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 11, 2019 06:40 PM2019-12-11T18:40:30+5:302019-12-11T19:28:03+5:30

गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान उठ रहे सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर अगर धर्म के आधार पर बंटवारा ना हुआ होता तो आज इस विधेयक को लाने की जरूरत नहीं पड़ती।

Citizenship Amendment Bill Debate in Rajyasabha: Amit Shah Reply to concerns, Top things to know | CAB Debate: अमित शाह ने राज्यसभा में कहा- पाकिस्तान और कांग्रेस के नेताओं के बयानों में समानता

CAB Debate: अमित शाह ने राज्यसभा में कहा- पाकिस्तान और कांग्रेस के नेताओं के बयानों में समानता

Highlights अमित शाह ने कहा कि अल्पसंख्यकों को संरक्षित और संवर्धित करने का वादा भारत ने निभायाशाह ने कहा कि तीन देशों के अल्पसंख्यक अपनी इज्जत बचाने के लिए कहां जाएंगे।

गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान उठ रहे सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर अगर धर्म के आधार पर बंटवारा ना हुआ होता तो आज इस विधेयक को लाने की जरूरत नहीं पड़ती। अमित शाह ने कहा कि अल्पसंख्यकों को संरक्षित और संवर्धित करने का वादा भारत ने निभाया लेकिन तीनों पड़ोसी देशों ने नहीं निभाया। वो अपनी इज्जत बचाने के लिए कहां जाएंगे। पढ़िए, अमित शाह के भाषण की बड़ी बातें...

-  हम चुनावी राजनीति अपने दम पर लड़ते हैं। अपने नेता की लोकप्रियता पर लड़ते हैं। हम देश की समस्या का समाधान करते हैं। ये विधेयक ध्यान हटाने के लिए नहीं लाया गया।

- लियाकत-नेहरू समझौता होने के बाद सभी देशों के संविधान बने। अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान का राज्य धर्म इस्लाम है। ये तीनों देश हमारे देश की भौगोलिक सीमा से सटे हुए हैं।

- 6 धर्म के लोग ला रहे हैं इसकी तारीफ नहीं है। मुस्लिम नहीं ला रहे इसपर सवाल है। इन तीन देशों में मुस्लिम अल्पसंख्यक कहे जाएंगे क्या? जब राज्य का धर्म ही इस्लाम है तो इस्लाम के अनुयायियों पर प्रताड़ना कम हो जाती है। अगर प्रताड़ना होती है तो उन्हें नागरिकता देने का प्रावधान है। पिछले पांच साल में पांच सौ से ज्यादा लोगों को नागरिकता दी गई है।

- हम किसी एक धर्म को नहीं ले रहे। हम तीन देशों के अल्पसंख्यकों को ले रहे हैं जो धार्मिक प्रताड़ना का शिकार हैं।

- इस विधेयक से भारत के मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है। यह किसी की नागरिकता नहीं छीनता, बल्कि लोगों को नागरिकता देने के लिए लाया जा रहा है।

- अगर मोहम्मद अली जिन्ना ने धर्म के आधार पर विभाजन की मांग की तो कांग्रेस पार्टी ने इसे स्वीकार क्यों किया। 

- बंगाल के अंदर दुर्गा विसर्जन के लिए हाई कोर्ट से परमिशन लानी पड़ी। वहां पर हिंदुओं को प्रशासन अनुमति नहीं देता।

- शिवसेना पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- लोग सत्ता के लिए कैसे-कैसे रंग बदल लेते हैं। शिवसेना ने लोकसभा में इसका समर्थन किया तो फिर एक रात में ऐसा क्या हो गया जो आज विरोध में खड़े हैं।

- नागरिकता संशोधन विधेयक पर पाकिस्तान के नेताओं और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बयान में समानता है।

Web Title: Citizenship Amendment Bill Debate in Rajyasabha: Amit Shah Reply to concerns, Top things to know

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