बिहार: चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मुलाकात को बताया 'कुर्सी का खेल'
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 13, 2022 07:59 PM2022-05-13T19:59:25+5:302022-05-13T19:59:25+5:30
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की यह मुलाकात जातीय जनगणना को लेकर नहीं बल्कि कुर्सी बचाने को लेकर हुई है।
पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर एक साथ हमला बोला है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जाति जनगणना पर बात कर रहे हैं। लेकिन इसके पीछे की सच्चाई कुछ और है। अगर इन्हें बिहार में जातिगत जनगणना कराना होता तो ये बंद कमरे में मुलाकात नहीं करते। उन्होंने कहा कि उनकी यह मुलाकात जातीय जनगणना को लेकर नहीं बल्कि कुर्सी बचाने को लेकर हुई है।
चिराग पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार ने तो स्पष्ट कर दिया है, फिर इस मुलाकात के मायने क्या हैं? उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि आपको कौन रोक रहा है? आप तो प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। केंद्र सरकार ने आपको स्पष्ट कर दिया कि हम जातिगत जनगणना नहीं कराने वाले हैं। उन्होंने कहा कि आपने प्रधानमंत्री से मुलाकात भी की थी। उस वक्त नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी आपके साथ मौजूद थे, फिर आज आपको 1 घंटे बंद कमरे में क्या बातचीत करने की जरूरत पड़ गई?
बिहार में एक बार फिर राजद के साथ जदयू के गठजोड़ के सवाल पर चिराग ने कहा कि ऐसा फिर से हो सकता है। कुर्सी बचाने के लिए कुछ भी संभव है। जिस तरह 2015 में राजद के साथ गठबंधन हुआ, 2017 में भाजपा के साथ आए किसी को कानोकान खबर नहीं लगी थी। इसलिए जातीय जनगणना की बात ही नहीं है। असल मामला है कुर्सी बचाना।
चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री को हर बात पर आश्चर्य और ताज्जूब होता रहता है। लेकिन होता क्या है? नीतीश कुमार के पास यह समय है कि जो दस्तावेज जले हैं, उनको देखने का समय है। लेकिन शिक्षा, रोजगार, शिक्षक, छात्र, अपराध और पीडित के लिए समय नहीं है। बस नेता प्रतिपक्ष के आवास पर पैदल जाने का समय है, उनके साथ एक घंटे तक बंद कमरे में गुफ्तगू करने का समय है।
उन्होंने बीपीएसपी पेपर लीक को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बीपीएससी पेपर लीक कोई मामूली घटना नहीं है। यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। लेकिन जो ट्रैक रिकार्ड है उससे तो यही लगता है कि जांच से क्या हो जाएगा? अभी तक कौन सी जांच रिपोर्ट सामने आई? कितने पर कार्रवाई हुई? जांच की बात होती है, लेकिन कार्रवाई तो होती नहीं। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिहार की छवि इस कारण से खराब हुई है। शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। तीन साल का कोर्स पांच साल में पूरा हो रहा है। इसके अलावा चिराग ने गोपालगंज में हुए राजद नेता की हत्या पर भी सवाल उठाया है।