चिराग पासवान को झटका, दिल्ली हाईकोर्ट ने पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता चुने जाने के खिलाफ याचिका खारिज की

By सतीश कुमार सिंह | Published: July 9, 2021 07:25 PM2021-07-09T19:25:53+5:302021-07-09T21:38:02+5:30

लोजपा की भीतरी गुटबाजी के बीच चिराग पासवान अपने पिता तथा लोजपा संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान की जयंती के अवसर पर ‘‘आशीर्वाद यात्रा’’ के जरिए बिहार का दौरा कर जनता का समर्थन जुटा रहे हैं।

Chirag Paswan pasupati kumar paras Setback Delhi HC dismisses plea challenging Lok Sabha Speaker's decision  | चिराग पासवान को झटका, दिल्ली हाईकोर्ट ने पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता चुने जाने के खिलाफ याचिका खारिज की

अदालत इस मामले में चिराग पर जुर्माना लगाना चाहती थी लेकिन उनके वकील के अनुरोध करने के बाद उसने ऐसा नहीं किया।

Highlightsपिता द्वारा स्थापित पार्टी के लिए अपना संघर्ष जारी रखेंगे।याचिका में लोकसभा अध्यक्ष के 14 जून के परिपत्र को रद्द करने की मांग की गई थी।दिवंगत बड़े भाई राम विलास पासवान की छत्रछाया में बिताया है।

नई दिल्लीः लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) सांसद और रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान को बड़ा झटका लगा है। इससे पहले पीएम मोदी ने चाचा पारस को मंत्री बना दिया था। 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के एक धड़े के नेता चिराग पासवान की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा पशुपति कुमार पारस को सदन में पार्टी के नेता के तौर पर मान्यता देने को चुनौती दी थी।

लोकसभा अध्यक्ष के 14 जून के परिपत्र को रद्द करने की मांग की

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा, “मुझे इस याचिका में कोई दम नजर नहीं आ रहा।” अदालत इस मामले में चिराग पर जुर्माना लगाना चाहती थी लेकिन उनके वकील के अनुरोध करने के बाद उसने ऐसा नहीं किया। याचिका में लोकसभा अध्यक्ष के 14 जून के परिपत्र को रद्द करने की मांग की गई थी।

चिराग के चाचा पारस का नाम लोकसभा में लोजपा के नेता के तौर पर दर्शाया गया था। मंत्रिमंडल फेरबदल सह विस्तार के दौरान सात जुलाई को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले पारस ने अपने सियासी सफर का एक खासा हिस्सा अपने दिवंगत बड़े भाई राम विलास पासवान की छत्रछाया में बिताया है।

याचिका में लोकसभा में जन लोकशक्ति पार्टी के नेता के रूप में पारस का नाम दिखाने वाले अध्यक्ष के 14 जून के परिपत्र को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। इसमें यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है कि चिराग पासवान का नाम सदन में पार्टी के नेता के रूप में दिखाते हुए एक शुद्धिपत्र जारी किया जाए।

सदन या विधानसभा में नेता, मुख्य सचेतक आदि कौन होगा

याचिका में कहा गया है, ‘‘लोकसभा में नेता का परिवर्तन पार्टी विशेष का विशेषाधिकार है और वर्तमान मामले में, संविधान के अनुच्छेद 26 के तहत याचिकाकर्ता संख्या 2 (पार्टी) को यह अधिकार प्राप्त होता है कि केंद्रीय संसदीय बोर्ड यह तय करेगा कि सदन या विधानसभा में नेता, मुख्य सचेतक आदि कौन होगा।’’

पारस पूर्व में लोजपा की बिहार इकाई का नेतृत्व करते थे और वर्तमान में इसके अलग हुए गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। पारस ने 1978 में अपने पैतृक जिले खगड़िया के अलौली विधानसभा क्षेत्र से जनता पार्टी के विधायक के रूप में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। इस सीट का प्रतिनिधित्व पहले दिवंगत रामविलास पासवान करते थे।

Web Title: Chirag Paswan pasupati kumar paras Setback Delhi HC dismisses plea challenging Lok Sabha Speaker's decision 

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