लालच बुरी बला?, उपमुख्यमंत्री पद की मांग कर लालची नहीं दिखना चाहता, चिराग पासवान ने कहा- बिहार में 19 सीट जीते, अब यूपी, बंगाल और पंजाब पर नजर

By एस पी सिन्हा | Updated: November 21, 2025 14:27 IST2025-11-21T14:20:53+5:302025-11-21T14:27:05+5:30

चिराग पासवान ने कहा कि दलित सेना का पुनर्गठन किया जाएगा और जिम्मेदारी अरुण भारती को सौंपी गई है।

Chirag Paswan doesn't want appear greedy demanding post Deputy Chief Minister Won 19 seats in Bihar now look UP, Bengal and Punjab greed bad thing | लालच बुरी बला?, उपमुख्यमंत्री पद की मांग कर लालची नहीं दिखना चाहता, चिराग पासवान ने कहा- बिहार में 19 सीट जीते, अब यूपी, बंगाल और पंजाब पर नजर

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Highlights29 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 19 पर जीत हासिल की है। छोटी-छोटी समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।दो विधायकों ने मंत्री के रूप में शपथ ली।

पटनाः लोजपा(रा) प्रमुख एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने शुक्रवार को पार्टी की मजबूती, बीते वर्षों की चुनौतियों और आगे की रणनीति पर विस्तार से बात की। पटना में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान चिराग पासवान ने कहा कि साल 2009 पार्टी के लिए सबसे मुश्किल समय था, लेकिन 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में लोजपा (रा) ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद भी उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने के फैसले पर डटे रहकर पार्टी को फिर से खड़ा किया। इस दौरान चिराग पासवान ने अपने चाचा पर भी हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि पशुपति पारस ने न केवल लोजपा को बांटा बल्कि दिवंगत रामविलास पासवान के गैर-राजनीतिक संगठन दलित सेना को भी हड़पने की कोशिश की। 

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने शुक्रवार को कहा कि वह बिहार के उपमुख्यमंत्री पद की मांग कर “लालची” नहीं दिखना चाहते और राज्य की नयी सरकार में लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के दो विधायकों को मंत्री बनाए जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

पटना में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में चिराग ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगी के रूप में वह बिहार से बाहर भी पार्टी का विस्तार करना चाहते हैं और पश्चिम बंगाल, पंजाब तथा उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में संगठन को मजबूत करने की योजना पर गंभीरता से काम कर रहे हैं।

हाजीपुर से सांसद ने कहा, “मैं उपमुख्यमंत्री पद की मांग कर लालची नहीं दिखना चाहता।” पार्टी के विस्तार को लेकर उन्होंने कहा, “बिहार विधानसभा चुनाव में 19 सीट जीतने के बाद अब हम पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और पंजाब में पार्टी का आधार बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। इन राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव हम राजग के सहयोगी के रूप में लड़ेंगे।”

चिराग पासवान ने कहा कि उनके पिता की राजनीतिक विरासत और सामाजिक संघर्ष किसी एक गुट या व्यक्ति तक सीमित नहीं है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि पारस की राजनीति अब पूरी तरह कमजोर पड़ चुकी है और जनता ने चुनाव परिणामों में इसे साफ कर दिया। चिराग ने कहा कि उनके चाचा ने कभी उन्हें गाली दी थी।

चांडाल कहा था, लेकिन उन्होंने तब भी उन शब्दों को आशीर्वाद की तरह स्वीकार किया था क्योंकि बड़े-बुजुर्गों की हर बात आदर योग्य होती है। अब जब पारस खुले तौर पर बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत की बधाई दे रहे हैं, तो उनकी शुभकामनाएं भी वह पूरा सम्मान देकर स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि 2020 में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला बिल्कुल सही था।

उसी ने आज पार्टी को मजबूती दी है। 2020 में एनडीए से अलग होकर लोजपा(रा) ने 130+ सीटों पर चुनाव लड़ा था और केवल एक सीट मिली थी। चिराग ने कहा कि इस हार ने पार्टी को सीख दी, टीम को मजबूत किया और आने वाले चुनावों के लिए जमीन तैयार की। 2025 विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 19 सीटें जीतकर मजबूत वापसी की है।

उन्होंने लोजपा (रा) का स्थापना दिवस 28 नवंबर को पटना में भव्य रूप से मनाने की घोषणा की। जनवरी में खरमास समाप्त होने के बाद पार्टी पूरे बिहार की यात्रा शुरू करेगी। इस दौरान छोटी-छोटी स्थानीय समस्याओं को चिन्हित कर उनके समाधान पर काम किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि दलित सेना का पुनर्गठन किया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी अरुण भारती को सौंपी गई है।

उल्लेखनीय है कि चिराग की पार्टी के दो विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। संजय कुमार पासवान (बखरी) और संजय सिंह (महुआ) जिन्होंने तेजप्रताप यादव को हराया उन्होंने शपथ ली। चिराग पासवान ने कहा कि हम अब सरकार के समर्थन में सिर्फ नहीं हैं बल्कि हम सरकार में शामिल हैं।

बता दें कि,गुरुवार को गांधी मैदान में हुए समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। मंच पर चिराग ने जेपी नड्डा और जीतन राम मांझी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। चिराग ने दावा किया कि 2014 से पार्टी निरंतर मजबूत हुई है। कठिन समय आने पर भी कार्यकर्ताओं ने हार नहीं मानी।

उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि बिहार की समस्याओं को हल करना और राज्य को तेजी से आगे बढ़ाना है। जनता ने हमारे फैसलों पर भरोसा किया है और हम उस भरोसे पर खरा उतरेंगे। विभागों के बंटवारे से पहले चिराग का यह राजनीतिक संदेश स्पष्ट करता है कि नई सरकार में लोजपा (रा) अपनी भूमिका को और मजबूत करना चाहती है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2009, पार्टी के लिए सबसे कठिन समय था, लेकिन 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में लोजपा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने मजबूत उपस्थिति दर्ज की। चिराग ने कहा कि वह पिता (दिवंगत राम विलास पासवान) के निधन के बाद भी अकेले चुनाव लड़ने के फैसले पर अडिग रहे।

इससे पहले, उन्होंने घोषणा की कि 28 नवंबर को पार्टी का स्थापना दिवस पटना में भव्य रूप से मनाया जाएगा और जनवरी में ‘ख़रमास’ समाप्त होने के बाद पार्टी पूरे बिहार में यात्रा शुरू करेगी, जिसमें राज्य की छोटी-छोटी समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। चिराग ने कहा कि दलित सेना का पुनर्गठन किया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी अरुण भारती को सौंपी गई है।

लोजपा (रामविलास) ने हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक के रूप में 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उनमें से 19 पर जीत हासिल की है। पार्टी के दो विधायकों ने बृहस्पतिवार को मंत्री के रूप में शपथ ली।

Web Title: Chirag Paswan doesn't want appear greedy demanding post Deputy Chief Minister Won 19 seats in Bihar now look UP, Bengal and Punjab greed bad thing

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