पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर मौजूद है चीनी पनडुब्बी, भारतीय नौसेना सतर्क, जानिए क्या है 'स्टिंग ऑफ पर्ल' की चीनी रणनीति

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: November 14, 2023 03:34 PM2023-11-14T15:34:19+5:302023-11-14T15:35:42+5:30

हिंद महासागर क्षेत्र में "मोतियों की माला" स्थापित करने के पीछे चीन की मंशा भारत को घेरने की है। यह पीएलए नौसेना द्वारा संभावित उपयोग के लिए चीन द्वारा वित्तपोषित बंदरगाहों का एक नेटवर्क है।

Chinese submarine is present at Karachi port of Pakistan Indian Navy is alert, know what is 'Sting of Pearl' | पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर मौजूद है चीनी पनडुब्बी, भारतीय नौसेना सतर्क, जानिए क्या है 'स्टिंग ऑफ पर्ल' की चीनी रणनीति

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsचीन और पाकिस्तान की नौसेनाएं अरब सागर में सप्ताह भर लंबा का अभ्यास कर रही हैं'सी गार्जियंस-3' नामक अभ्यास शुरू किया, जिसमें पनडुब्बी रोधी अभियान भी शामिल हैइस अभ्यास को देखते हुए भारतीय नौसेना भी पूरी तरह से अलर्ट पर है

नई दिल्ली: चीन और पाकिस्तान की नौसेनाएं अरब सागर में सप्ताह भर लंबा का अभ्यास कर रही हैं। इस दौरान दोनों देश पहली बार संयुक्त समुद्री गश्त में भी हिस्सा लेंगे। कराची में एक नौसैनिक अड्डे पर चीनी और पाकिस्तानी नौसेनाओं ने शनिवार को उत्तरी अरब सागर में और इसके ऊपर हवाई क्षेत्र में 'सी गार्जियंस-3' नामक अभ्यास शुरू किया, जिसमें पनडुब्बी रोधी अभियान भी शामिल है। अभ्यास शुक्रवार को समाप्त होगा। 

इस अभ्यास को देखते हुए भारतीय नौसेना भी पूरी तरह से अलर्ट पर है क्योंकि कराची बंदरगाह मुंबई से बेहद नजदीक है। चीन की टाइप-039 पनडुब्‍बी इस अभ्यास में हिस्सा ले रही है। हाल के दिनों में हिंद महासागर में चीनी नौसेना की गतिविधियों में भारी इजाफा हुआ है।  साल 2013 के बाद से यह आठवां मौका है जब चीनी नौसेना ने हिंद महासागर में कोई पनडुब्बी तैनात की है। यही कारण है कि भारत इसे गंभीरता से ले रहा है।

पिछले दो दशकों में चीन ने रणनीतिक रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत को घेरने के लिए स्टिंग ऑफ पर्ल यानी कि "मोतियों की माला" बनाने की प्रक्रिया में काफी तेजी लाई है और पाकिस्तान इसमें चीन का अहम सहयोगी है। ये एक और कारण है जिससे भारत की एजेंसियों का सिरदर्द बढ़ा हुआ है।

क्या है 'स्टिंग ऑफ पर्ल'

हिंद महासागर क्षेत्र में "मोतियों की माला" स्थापित करने के पीछे चीन की मंशा भारत को घेरने की है। यह पीएलए नौसेना द्वारा संभावित उपयोग के लिए चीन द्वारा वित्तपोषित बंदरगाहों का एक नेटवर्क है। दरअसल हिंद महासागर में चीन का कोई सीधा दखल नहीं है। उसके व्यापारिक जहाजों को मलक्का जलडमरू मध्य से होकर गुजरना पड़ता है। किसी भी तनाव वाली स्थिति में भारतीय नौसेना चीनी व्यापारिक जहाजों का संपर्क काट सकती है। इसी को देखते हुए चीन ने 'स्टिंग ऑफ पर्ल' की योजना शुरू की थी।

इसके तहत चीन ने म्यांमार, बांग्लादेश, मालदीव, श्रीलंका, और पाकिस्तान में अपने व्यापारिक हितों के लिए बंदरगाह लीज पर लिए हैं या उनका नव-निर्माण कर रहा है। हालांकि चीन का उद्देश्य जरूरत पड़ने पर इन बंदरगाहों का सैन्य इस्तेमाल करने की है। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि भारतीय नौसेना पाकिस्तानी बंदरगाहों पर चीनी नौसेना की संपत्ति की तैनाती को लेकर सतर्क है। लेकिन चूकि पाकिस्तान खुद भारत का दुश्मन देश है इसलिए उसे भी अपने बंदरगाहों पर चीनी मौजूदगी से परहेज नहीं है। 

Web Title: Chinese submarine is present at Karachi port of Pakistan Indian Navy is alert, know what is 'Sting of Pearl'

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