भाजपा सांसद ने कहा- चीनी सेना ने भारत में घुसपैठ कर अरुणाचल प्रदेश में एक पुल बनाया, भारतीय सेना ने खंडन किया
By भाषा | Published: September 4, 2019 06:06 PM2019-09-04T18:06:50+5:302019-09-04T18:06:50+5:30
गाओ ने दावा किया कि चीनी सैनिकों ने पिछले महीने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी और चगलागम क्षेत्र में कियोमरु नाले पर पुल बनाया था। कुछ स्थानीय युवकों ने मंगलवार को पुल देखा था। गाओ ने कहा, ‘‘यह इलाका चगलागम से करीब 25 किलोमीटर दूर उत्तर पूर्व में है और भारतीय क्षेत्र में ही आता है।’’
अरुणाचल प्रदेश के एक सांसद ने बुधवार को दावा किया कि चीनी सेना ने भारत में घुसपैठ कर अरुणाचल प्रदेश में एक पुल बनाया है।
हालांकि भारतीय सेना इस दावे का खंडन करती हुई दिखी और उसने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास के क्षेत्रों में दोनों देशों के अलग-अलग दावों का हवाला दिया। अरुणाचल (पूर्व) लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद तापिर गाओ ने दावा किया कि चीनी सैनिकों ने पिछले महीने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी और चगलागम क्षेत्र में कियोमरु नाले पर पुल बनाया था।
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि कुछ स्थानीय युवकों ने मंगलवार को पुल देखा था। भारतीय सेना ने एक विज्ञप्ति में कहा कि जिस इलाके की बात हो रही है, उसे ‘फिश टेल’ कहा जाता है और दोनों पक्षों की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं। इसमें कहा गया कि यह घना निर्जन इलाका है और यहां नालों तथा जलधाराओं के पास सारी आवाजाही पैदल ही संभव है।
Tapir Gao, BJP MP from Arunachal Pradesh: I do not blame Army or those who are patrolling the area; there are no roads how can they possibly access the area. I'm confident of the government. I want govt to look into it, I will also look into this. Roads need to be built. https://t.co/t7aezS5lFq
— ANI (@ANI) September 4, 2019
मॉनसून के दौरान दोनों देशों की सेनाओं के गश्तीदल ने आवाजाही के लिए अस्थाई पुलों का निर्माण किया था। सेना ने यह बात दोहराई कि क्षेत्र में चीनी जवानों या नागरिकों की कोई स्थाई मौजूदगी नहीं है और हमारे जवान निगरानी रखते हैं।
गाओ ने आरोप लगाया था कि घुसपैठ चगलागम से करीब 25 किलोमीटर दूर उत्तर पूर्व में हुई जो ‘‘काफी कुछ भारतीय क्षेत्र में ही आता है।’’ गाओ ने दावा किया कि भारतीय सेना के एक गश्ती दल ने पिछले साल अक्टूबर में इलाके में चीनी सैनिकों को देखा था।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘राज्य के प्रतिनिधि के तौर पर मैंने केंद्र सरकार से अरुणाचल प्रदेश में चीन-भारत सीमा पर उसी तरह बुनियादी संरचना के निर्माण के लिए अनुरोध किया है जिस तरह अन्जॉ के जिला मुख्यालय हायुलियांग से चगलागम तक और उससे आगे सड़क बनाई गयी है।’’
गाओ ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हायुलियांग और चगलागम के बीच सड़क की हालत बहुत खराब है और इससे आगे एक तरह से कोई सड़क नहीं है। इस बीच भारतीय सेना की विज्ञप्ति में कहा गया कि भारत और चीन के पास सीमावर्ती क्षेत्रों में सभी मुद्दों पर ध्यान देने के लिए भलीभांति स्थापित कूटनीतिक और सैन्य प्रणालियां हैं।
इसमें कहा गया कि दोनों पक्ष इस बात को मानते हैं कि संपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों के सुगम विकास के लिए भारत-चीन सीमा के सभी क्षेत्रों में अमन चैन बनाये रखना जरूरी है। विज्ञप्ति के अनुसार दोनों देशों ने राजनीतिक मानकों तथा दिशानिर्देशक सिद्धांतों पर 2005 के समझौते के आधार पर सीमा के सवाल पर निष्पक्ष, तर्कसंगत और परस्पर स्वीकार्य समाधान की दिशा में काम करने पर भी सहमति जताई है। भारत और चीन करीब 4000 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं जिसका स्पष्ट निर्धारण नहीं है। इस वजह से क्षेत्र में घुसपैठ के मामले सामने आते हैं।