चीन अब कैलाश पर्वत के पास तैनात करेगा मिसाइलें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 22, 2020 09:30 PM2020-08-22T21:30:23+5:302020-08-22T21:40:57+5:30
भारत के बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने सीमावर्ती गांवों और सुरक्षाबलों को कनेक्टिविटी देने के लिए कैलाश मानसरोवर रोड से लिपुलेख दर्रे को जोड़ा है।
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन व भारतीय सीमा पर दोनों देशों के सेना के बीच जारी तनाव के बीच खबर आ रही है कि चीन अब हमारे धार्मिक महत्व की जगहों के पास भी अपने सैन्य अड्डे बना रहा है। चीन और भारत में मई महीने से गतिरोध जारी है। पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत का सीमा विवाद जून में इतना बढ़ गया था कि गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।
इंडिया टुडे के मुताबिक, इस बार तो उसने हद ही कर दी। चीन ने कैलाश पर्वत के पास स्थित मानसरोवर झील के किनारे जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के लिए साइट बनाना शुरू कर दिया है।
कैलाश-मानसरोवर जैसे धार्मिक स्थान को मिलिट्री से घेर देना चीन की एक साजिश का हिस्सा है। वह लद्दाख वाले तनाव के बाद से ऐसा कर रहा है।
बता दें कि भारत के बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने सीमावर्ती गांवों और सुरक्षाबलों को कनेक्टिविटी देने के लिए कैलाश मानसरोवर रोड से लिपुलेख दर्रे को जोड़ा है। कैलाश मानसरोवर यात्री तीर्थ यात्रा के लिए पहले से ही इस रोड का इस्तेमाल करते आ रहे हैं।
सैटेलाइट से मिली तस्वीरों से इस बात का खुलासा होता है कि चीन मानसरोवर झील के किनारे HQ-9 मिसाइल की तैनाती करने की तैयारी में है। यहां पर चीन HT-233 रडार सिस्टम लगा रहा है, जिससे मिसाइल का फायर सिस्टम काम करता है।
ये मिसाइलें भारतीय सीमा से मात्र 90 किलोमीटर दूर तैनात की जाएंगी। ये मध्यम रेंज की मिसाइलें होंगी। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने यहां पहले तीर्थयात्रियों के लिए एक छोटा सा अस्थाई रहवास जैसा बनाया था।
साथ ही कई होटल्स और घर भी बने हुए हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों में यहां पर एक हाइवे, कुछ नए होटल्स और नई इमारतें बन चुकी हैं।