चीन को मिलेगा करारा जवाब, LAC पर निर्भय, आकाश व ब्रह्मोस तैनात

By अनुराग आनंद | Published: September 28, 2020 05:56 PM2020-09-28T17:56:51+5:302020-09-28T18:02:24+5:30

निर्भय दो चरण वाली मिसाइल है, पहली बार में लबंवत दूसरे चरण में क्षैतिज उड़ान भरती है।

China will get a befitting reply, Nirbhay, Akash and BrahMos deployed on LAC | चीन को मिलेगा करारा जवाब, LAC पर निर्भय, आकाश व ब्रह्मोस तैनात

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsजरूरत पड़ने पर कुछ ही मिनटों में ये टैंक चीन की सरहद में घुसकर उसके ठिकानों को नेस्तनाबूद कर सकते हैं।भारतीय सेना के तेवर से साफ है कि वह किसी भी मोर्चे पर चीन के खिलाफ अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं करना चाहती है।

नई दिल्ली:चीन के साथ बॉर्डर पर जारी तनाव के बीच भारत ने ड्रैगन के किसी भी हरकत पर जवाब देने के लिए तैयारी पूरी कर ली है। चीन ने निर्भय मिसाइल 1000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। ये तिब्बत में चीन के ठिकानों पर हमला करने में सक्षम है। इसके अलावा, किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आकाश व ब्रह्मोस को तैनात किया गया है।

बता दें कि इस मिसाइल की क्षमता अमेरिका की प्रसिद्ध टॉमहॉक मिसाइल के बराबर है। यह मिसाइल बिना भटके अपने निशाने पर अचूक मार करने में सक्षम है। इस मिसाइल का पहला परीक्षण 12 मार्च 2013 में किया गया था।

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट मुताबिक, निर्भय दो चरण वाली मिसाइल है, पहली बार में लबंवत दूसरे चरण में क्षैतिज उड़ान भरती है। यह पारंपरिक रॉकेट की तरह सीधा आकाश में जाती है फिर दूसरे चरण में क्षैतिज उड़ान भरने के लिए 90 डिग्री का मोड़ लेती है।

पलक झपकते ही दुश्मन के ठिकाने नेस्तानाबूत, जमीन के साथ ही समुद्र से दागने की क्षमता, ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण

इस मिसाइल को 6 मीटर लंबी और 0.52 मीटर चौड़ी बनाया गया है। यह मिसाइल 0.6 से लेकर 0.7 मैक की गति से उड़ सकती है, इसका वजन अधिकतम 1500 किलोग्राम है जो 1000 किलोमीटर तक मार कर सकती है।

LAC पर भीष्म टैंक भी तैनात-

बता दें कि एलएसी पर जारी तनाव के बीच दोनों देशों की सेना भले ही बातचीत के द्वारा तनाव को कम करने के प्रयास कर रहे हों। लेकिन, भारतीय सेना ने किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने के लिए पहाड़ की चोटियों पर तैयारी कर ली है।

ब्रह्मोस

मिल रही जानकारी के मुताबिक, भारत ने ठंड में होने वाले भारी बर्फबारी को ध्यान में रखते हुए लद्दाख की चोटियों पर सेना के रहने के लिए विशेष टेंट तैयार किए हैं। इसके अलावा, भीष्म टैंक को भी पहाड़ की चोटियों पर तैनात कर दिया गया है। 

16 हजार से 18 हजार फीट की उंचाई पर माइनस तापमान में होने के बावजूद इन जगहों पर चीन की तरफ से होने वाले किसी भी कार्रवाई का जवाब देने के लिए भारतीय फौज पूरी तरह से तैयार है। इन पोस्ट पर टी- 20 भीष्म टैंक को तैनात किया गया है। 

चीन ने डोकलाम के पास तैनात किया है परमाणु बॉम्बर-

बता दें कि चीन से बातचीत के साथ ही साथ किसी विशेष परिस्थिति में एलएसी के हर पोस्ट पर हर तरह से  मुस्तैद रहने के लिए जरूरी तैयारी भी भारतीय सेना ने पूरी कर ली है। इस बीच खबर यह भी है कि चीन ने भी एलएसी के उसपार भारत से पहले ही कई टैंक व परमाणु बॉम्बर तैनात किए हैं।

बीते दिनों मिली जानकारी के मुताबिक, भूटान से लगे डोकलाम के पास अपने एच-6 परमाणु बॉम्बर और क्रूज मिसाइल को तैनात किया है। चीन इन विनाशकारी हथियारों की तैनाती अपने गोलमुड एयरबेस पर कर रहा है। यह एयरबेस भारतीय सीमा से मात्र 1150 किलोमीटर दूर है।

1000 KM तक मार कर सकती है ये स्वदेशी क्रूज मिसाइल, भारतीय सेना की बढ़ेगी ताकत

इससे पहले चीन ने इस घातक बॉम्बर की तैनाती अक्साइचिन के काशगर एयरबेस पर की थी। वैश्विक खुफिया निगरानी संस्था स्टार्टफोर की ओर से जारी एक रिपोर्ट में सैटलाइट तस्वीरों के हवाले से कहा गया है कि इस बॉम्बर के साथ केडी-63 लैंड अटैक क्रूज मिसाइल भी नजर आ रही है, इस मिसाइल की मारक क्षमता करीब 200 किलोमीटर है। इसके अलावा एयरबेस पर शियान वाई-20 मालवाहक सैन्य विमान भी नजर आ रहा है।

बीते दिनों कमांडर स्तर की वार्ता के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने ये कहा-

बता दें कि पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध को दूर करने के लिये चीन के साथ सैन्य वार्ता के दो दिन बाद भारत ने गुरुवार को कहा कि आगे का रास्ता यह होगा कि यथास्थिति में बदलाव के किसी भी एकतरफा प्रयास से परहेज किया जाए और दोनों पक्ष संघर्ष वाले सभी क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए वार्ता जारी रखें।

हायपरसोनिक क्षेपणास्त्र तंत्रज्ञानाचा चमत्कार; भारताच्या संरक्षण सज्जतेला जग करेल नमस्कार - Marathi News | national india leap in hypersonic missile technology special ...

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने डिजिटल प्रेस वार्ता में कहा कि सैनिकों का पीछे हटना एक जटिल प्रक्रिया है और इसमें आपस में सहमत ‘पारस्परिक कदम’ उठाने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष संघर्ष के सभी क्षेत्रों से पूर्ण रूप से पीछे हटने की दिशा में काम कर रहे है, इसी के साथ यह भी जरूरी है कि जमीनी स्तर पर स्थिरता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने साथ ही कहा कि वरिष्ठ कमांडर स्तर की बैठक को इसके सम्पूर्ण परीपेक्ष्य में देखा जाना चाहिए।

Web Title: China will get a befitting reply, Nirbhay, Akash and BrahMos deployed on LAC

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे