पूर्वी सेक्टर में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है चीन: सेना की पूर्वी कमान के कमांडर

By भाषा | Updated: October 19, 2021 20:50 IST2021-10-19T20:50:28+5:302021-10-19T20:50:28+5:30

China is increasing its activities in the eastern sector: Commander of the Eastern Command of the Army | पूर्वी सेक्टर में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है चीन: सेना की पूर्वी कमान के कमांडर

पूर्वी सेक्टर में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है चीन: सेना की पूर्वी कमान के कमांडर

रूपा (अरुणाचल प्रदेश), 19 अक्टूबर सेना की पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश सेक्टर के सामने अपनी तरफ अंदरूनी इलाकों में तैनाती और सैन्य अभ्यास बढ़ा दिया है तथा भारत ने क्षेत्र में सुरक्षा संबंधी हर प्रकार की चुनौती से निपटने के लिए इसी के अनुसार योजनाएं तैयार की हैं।

कमांडर ने यह भी कहा कि किसी भी आकस्मिक स्थिति का जवाब देने के लिए भारत की तैयारी ‘‘अत्यंत उच्च स्तर’’ की है।

उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अवसंरचना विकास की कोशिश कर रहे हैं और इससे कई बार मुद्दे उत्पन्न होते हैं।

अधिकारी ने पत्रकारों के एक समूह से कहा, ‘‘क्योंकि एलएसी के पास बुनियादी ढांचा खड़ा हो गया है, इसलिए सीमा पर सैनिकों की संख्या में थोड़ी वृद्धि हुई है।’’

उन्होंने कहा कि चीन का सैन्य अभ्यास उसकी रक्षा इकाइयों के बीच संयुक्त अभ्यास हैं जो एकीकृत दृष्टिकोण से किए जाते हैं और वहां अभ्यासों में वृद्धि हुई है।

पूर्वी कमान के कमांडर ने कहा कि सीमा पर चीन की तरफ कुछ क्षेत्रों में नए गांव स्थापित किए गए हैं और भारत ने अपनी अभियानगत रणनीति में इसका संज्ञान लिया है क्योंकि आवासों को सैन्य उद्देश्यों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

पूर्वी क्षेत्र में 1,300 किलोमीटर से अधिक लंबी एलएसी पर भारतीय सेना की अभियानगत तैयारियों को देख रहे कमांडर ने यह भी कहा कि उसकी माउंटेन स्ट्राइक कोर अब पूरी तरह अभियान संचालन में है और इसने अन्य इकाइयों के साथ प्रामाणिक और एकीकृत प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसकी सभी इकाइयों, लड़ाकू इकाइयों, युद्ध सहायता और साजो-सामान इकाइयां पूरी तरह से सुसज्जित हैं।’’

लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने भारत के समग्र सैन्य आधुनिकीकरण की जानकारी देते हुए बताया कि एकीकृत युद्ध समूह (आईबीजी) नामक नई लड़ाकू संरचनाओं को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है और ये इकाइयां अधिक प्रभावी दृष्टिकोण के साथ तेजी से कार्य करने में समक्ष हैं।

आईबीजी में पैदल सेना, तोपखाने, वायु रक्षा, टैंक और रसद इकाइयां शामिल होंगी। इस नई व्यवस्था से खासकर चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर सेना की युद्ध लड़ने की क्षमताओं में सुधार की उम्मीद है।

लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा कि 17 माउंटेन कोर के संचालन की योजना को 2014 में बनाई गई योजना के अनुरूप लागू किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) वहां जो वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास करती है, उससे संबंधित गतिविधियों में अंदरूनी इलाकों में बढ़ोतरी देखी गई है। पीएलए ने जो कुछ आरक्षित समूह गोलबंद किए थे, वे अंदरूनी इलाकों में बने अपने प्रशिक्षण क्षेत्रों में मौजूद हैं।’’

लेफ्टिनेंट जरनल पांडे ने कहा कि नए बुनियादी ढांचों के विकास के बाद से बलों की तैनाती में बढ़ोतरी हुई है।

कमांडर ने बताया कि भारत ने कई कदम उठाए हैं और उनमें से सबसे अहम कदम रणनीतिक स्तर से लेकर सामरिक स्तर तक सभी निगरानी संसाधनों के तालमेल के जरिए वास्तविक नियंत्रण रेखा और अंदरूनी इलाकों के पास निगरानी गतिविधियां बढ़ाना है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास पर्याप्त बल हैं जो हर प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए हर क्षेत्र में उपलब्ध हैं। हम विभिन्न संभावित आकस्मिक स्थितियों से निपटने का अभ्यास कर रहे हैं।’’

चीन और भूटान के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए हाल में किए गए समझौते और उससे डोकलाम ट्राई-जंक्शन के आसपास के क्षेत्रों में भारत के रणनीतिक हितों पर संभावित प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर सैन्य कमांडर ने सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि सरकार के संबंधित प्राधिकारियों ने इसका संज्ञान लिया है।

चीन द्वारा विभिन्न सीमा समझौतों और प्रोटोकॉल का उल्लंघन किए जाने के विषय पर लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा कि इस मामले पर उच्चतम स्तर पर वार्ता चल रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे व्यापक मार्गदर्शन के संदर्भ में, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति से निपटने को लेकर रणनीतिक मार्गदर्शन के संदर्भ में, हम आपसी सहमति से बनाए गए प्रोटोकॉल और समझौतों का सम्मान करते हैं और यही हमारा प्रयास रहा है, भले ही दूसरे पक्ष ने कोई भी कदम उठाया हो या कोई भी कार्रवाई की हो।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि इसे बड़े स्तर पर देखा जा रहा है कि जो हुआ, उसके परिणाम क्या हैं और भविष्य में हमें क्या करने की आवश्यकता है।’’

कमांडर ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच चौथी हॉटलाइन हाल में सक्रिय हो गई है।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनाव बढ़ने के बाद भारत ने सामरिक लाभ हासिल करने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाने के साथ ही एलएसी पर सैनिकों की समग्र तैनाती बढ़ा दी थी। सेना दूर से संचालित विमानों के बेड़े का उपयोग कर क्षेत्र में एलएसी पर दिन और रात निगरानी भी कर रही है।

इजराइल निर्मित हेरॉन ड्रोन का एक बड़ा बेड़ा पर्वतीय क्षेत्र में एलएसी पर चौबीसों घंटे निगरानी कर रहा है और कमान एवं नियंत्रण केंद्रों को महत्वपूर्ण डेटा एवं चित्र भेज रहा है। ड्रोन के साथ ही भारतीय सेना की विमानन शाखा ने क्षेत्र में उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर रुद्र की तैनाती की है जिससे क्षेत्र में इसका मिशन और तीव्र हुआ है।

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Web Title: China is increasing its activities in the eastern sector: Commander of the Eastern Command of the Army

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