चीन ने PUBG समेत कई ऐप बैन करने के मोदी सरकार के फैसले पर जताया ऐतराज, भारत को अपनी गलतियां सुधारने की दी चेतावनी
By अनुराग आनंद | Published: September 3, 2020 02:42 PM2020-09-03T14:42:08+5:302020-09-03T14:42:08+5:30
चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा कि भारतीय ऐप बैन करने की कार्रवाई चीनी निवेशकों और सेवा प्रदाताओं के कानूनी हितों का उल्लंघन करती है और चीन भारत को अपनी गलतियों को सुधारने के लिए कहता है।
नई दिल्ली: चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा है कि उसने भारत में चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाने का कड़ा विरोध किया है।
एनडीटीवी की मानें तो वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा कि भारतीय कार्रवाई चीनी निवेशकों और सेवा प्रदाताओं के कानूनी हितों का उल्लंघन करती है और चीन भारत को अपनी गलतियों को सुधारने के लिए कहता है।
एक बार फिर से भारत ने डेटा सिक्योरिटी चिंताओं का हवाला देते हुए टेनसेंट होल्डिंग्स लिमिटेड के लोकप्रिय वीडियोगेम PUBG सहित 118 अन्य चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है।
सीमा पर चीन से चल रहे विवाद के बीच भारत सरकार ने लिया ये फैसला-
बता दें कि लद्दाख सीमा पर चल रहे चीन के साथ ताजा गतिरोध के बीच एक बार फिर से भारत सरकार ने कई चीनी मोबाइल ऐप्स को बैन कर दिया है। सरकार ने लोकप्रिय गेमिंग ऐप पबजी सहित 118 अन्य मोबाइल ऐप पर बुधवार को प्रतिबंध लगा दिया।
इन्हें संप्रभुता, अखंडता और रक्षा के लिए खतरनाक मानते हुए इन पर पाबंदी लगायी गयी है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रतिबंधित ऐप में बायदू, बायदू एक्सप्रेस एडिशन, टेनसेंट वॉचलिस्ट, फेसयू, वीचैट रीडिंग और टेनसेंट वेयुन के अलावा पबजी मोबाइल और पबजी मोबाइल लाइट शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि ये सभी प्रतिबंधित ऐप चीन से जुड़ी कंपनियों के हैं।
इससे पहले मोदी सरकार ने टिकटॉक समेत चीन के कई अन्य ऐप पर प्रतिबंध लगाया था-
सरकार ने इससे पहले टिकटॉक और यूसी ब्राउजर समेत चीन के कई अन्य ऐप पर प्रतिबंध लगाया था। बयान में कहा गया, ‘‘सरकार ने 118 ऐसे ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और शांति-व्यवस्था के लिए खतरा हैं।’’
इसमें कहा गया कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय को विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों में एंड्रॉयड व आईओएस जैसे प्लेटफॉर्म पर मौजूद कुछ मोबाइल ऐप के उपयोक्ताओं (यूजरों) का डेटा चुराकर देश से बाहर के सर्वरों पर भंडारित किये जाने की रिपार्ट भी शामिल हैं।
बयान में कहा गया, ‘‘इन सूचनाओं का संकलन, इनका विश्लेषण आदि ऐसे तत्व कर रहे हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की रक्षा के लिये खतरा हैं। यह अंतत: भारत की संप्रभुता और अखंडता पर जोखिम उत्पन्न करते हैं। यह बेहद गंभीर मसला है, जिसके लिये त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता थी।’’