चीन ने कहा-हमने 14 में से 12 पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद सुलझाया, हम विस्तारवादी नहीं, पीएम मोदी की लद्दाख यात्रा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 3, 2020 07:51 PM2020-07-03T19:51:17+5:302020-07-03T19:52:16+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विस्तारवाद का जिक्र किया था। राजदूत ने कहा कि यह आधारहीन है। हम सीमा पर शांति की कोशिश कर रहे हैं। हम भारत से दोस्ती को आगे बढ़ना चाहते हैं। बता दें कि पीएम मोदी शुक्रवार को अचानक लेह पहुंचे।
बीजिंग/ नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन और भारत की सेनाओं में गतिरोध के बीच शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख का औचक दौरा कर सैनिकों से मुलाकात की।
उधर, चीन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी भी पक्ष को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे सीमा पर हालात जटिल हों। भारत में चीन के राजदूत ने कहा कि हम विस्तारवादी नहीं है। हमने 14 में से 12 पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद सुलझाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विस्तारवाद का जिक्र किया था। राजदूत ने कहा कि यह आधारहीन है। हम सीमा पर शांति की कोशिश कर रहे हैं। हम भारत से दोस्ती को आगे बढ़ना चाहते हैं। बता दें कि पीएम मोदी शुक्रवार को अचानक लेह पहुंचे। उन्होंने यहां पर जवानों को संबोधित किया। पीएम ने बिना नाम लिए चीन पर निशाना साधा।
China has demarcated boundary with 12 of its 14 neighboring countries through peaceful negotiations,turning land borders into friendly cooperation bonds. It's groundless to view China as expansionist,exaggerate&fabricate its disputes with neighbours: Spox,Chinese Embassy in India pic.twitter.com/mpcxpv4aAZ
— ANI (@ANI) July 3, 2020
मोदी ने लेह का दौरा किया जहां उन्होंने सेना, वायु सेना और आईटीबीपी के जवानों के साथ बातचीत की। मोदी के साथ प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी थे। मोदी ने कहा कि विस्तारवाद का दौर समाप्त हुआ और भारत के शत्रुओं ने उसके सशस्त्र बलों के ‘कोप और क्रोध’ को देख लिया है।
मोदी की यात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चीन और भारत सैन्य तथा राजनयिक माध्यमों से एक दूसरे के साथ संपर्क में हैं। किसी भी पक्ष को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जो सीमा पर हालात को जटिल बना दे।’’ भारत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह चीन से द्विपक्षीय समझौतों के प्रावधानों के अनुरूप सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन तेजी से बहाल करने की अपेक्षा करता है।
भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर पिछले सात सप्ताह से गतिरोध बना हुआ है। 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद तनाव और बढ़ गया। कई दिन बाद चीन ने माना कि उसके भी जवान हताहत हुए हैं लेकिन उसने ब्योरा नहीं दिया।
झाओ ने ब्रीफिंग में यह भी कहा कि चीनी कंपनियों के माल को सीमाशुल्क मंजूरी मिलने में देरी की खबरों के बीच और चीनी कंपनियों को सड़क परियोजनाओं में शामिल होने से रोकने के भारत के फैसले के बाद बीजिंग भारत में अपने कारोबारों के वैध अधिकारों के लिहाज से जरूरी कदम उठाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय पक्ष को चीन पर गलत रणनीतिक अनुमान नहीं लगाना चाहिए। हमें उम्मीद है कि वह हमारे द्विपक्षीय संबंधों की समग्र तस्वीर को बनाये रखने के लिए चीन के साथ मिलकर काम करेगा।’’