बिहार के जमुई जिले में अपनी सलामती की दुआ मांगकर स्कूल में जाते हैं बच्चे
By एस पी सिन्हा | Published: August 24, 2023 05:27 PM2023-08-24T17:27:41+5:302023-08-24T17:27:41+5:30
बच्चों ने बताया कि जर्जर भवन होने के कारण उन्हें डर लगता है। बच्चों को डर लगा रहता है कि कहीं छत का टुकड़ा टूट कर न गिर जाए। जिस वजह से बच्चे अपनी सुरक्षा के लिए हर दिन क्लास रूम में जाने से पहले भगवान के सामने माथा टेककर सलामती की दुआ मांगते हैं।
पटना: बिहार के जमुई जिले के बरहट प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय नुमर भगवान भरोसे चलता है। बच्चे क्लास रूम में जाने से पहले अपनी सलामती के लिए दुआ मांगते हैं। सुबह जब बच्चे स्कूल पहुंचते हैं, तब वह क्लास रूम में जाने से पहले मंदिर जाते हैं और माथा टेकते हैं। इसके बाद बच्चों की पढ़ाई शुरू होती है। दरअसल, यहां के बच्चे जर्जर भवन में पढ़ते हैं।
बच्चों ने बताया कि जर्जर भवन होने के कारण उन्हें डर लगता है। बच्चों को डर लगा रहता है कि कहीं छत का टुकड़ा टूट कर न गिर जाए। जिस वजह से बच्चे अपनी सुरक्षा के लिए हर दिन क्लास रूम में जाने से पहले भगवान के सामने माथा टेककर सलामती की दुआ मांगते हैं। बताया जाता है कि स्कूल की दीवारों में बड़ी-बड़ी कई दरारें हैं। क्लास रूम के अंदर से आसमान साफ दिखाई देता है।
वहीं बच्चों ने बताया कि विद्यालय में पहले हादसा हो चुका है। बच्चों ने बताया कि एक बार सरिता मैडम हमें पढ़ा रही थी, तभी छत का एक टुकड़ा उन पर गिर गया था। इससे उन्हें चोट लग गई थी। इसके बाद से हम लोग हर दिन क्लास रूम में जाने से पहले भगवान से प्रार्थना करते हैं।
वहीं, स्कूल प्रभारी अर्चना कुमारी ने बताया कि भवन की स्थिति बहुत ही खराब है। कब गिर जाएगा, इसका कोई ठिकाना नहीं है। विभाग को कई बार मैंने जानकारी दी है। आश्वासन मिलता है, पर कोई प्रगति नहीं है। पूर्व में एक बार शिक्षिका सरिता कुमारी पर छत का टुकड़ा गिर गया था। अधिकारी स्कूल आए, निरीक्षण भी किए। आश्वासन भी दिए पर कोई काम नहीं हुआ।
उन्होंने कहा, इस स्कूल परिसर के बीच में ही मंदिर बना हुआ है। उसी मंदिर में बच्चे सलामती के लिए माथा टेकते हैं और फिर क्लास में जाते है। उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय में 1 से 8 तक के बच्चे पढ़ते हैं। विद्यालय में 213 बच्चे नामांकित हैं। विद्यालय में 6 शिक्षक हैं, जिसमें 5 महिला हैं। बच्चों के अभिभावक भी समय-समय पर आकर अपने बच्चों को देखते हैं।