भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक आज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ले सकते हैं हिस्सा
By शिवेंद्र राय | Published: July 24, 2022 11:55 AM2022-07-24T11:55:05+5:302022-07-24T14:26:38+5:30
भाजपा के मुख्यमंत्रियों का पिछला सम्मेलन वाराणसी में हुआ था। इस बार नई दिल्ली के पार्टी मुख्यालय में भाजपा शाषित राज्यों के मुख्यमंत्री अपनी सरकारों के किए गए काम का रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे और आगामी विकास कार्य योजनाओं की जानकारी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को देंगे।
नई दिल्ली: भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक पार्टी के शीर्ष केंद्रीय नेताओं के साथ आज भारतीय जनता पार्टी के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में होगी। 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में अभी से जुटी भाजपा की बैठक काफी अहम मानी जा रही है। इस बैठक में राज्य सरकारों की तरफ से रिपोर्ट कार्ड और आगामी विकास योजनाओं का लेखा जोखा पेश किया जाएगा। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा ले सकते हैं। इस बैठक में भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष अपनी सरकार के अब तक किए गए कामों और आगे की योजनाओं का खाका पेश करेंगे।
हर घर तिरंगा कैम्पेन पर चर्चा
इस साल भारत की आजादी की 75वीं सालगिरह मनाई जा रही है। इस मौके पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने हर घर तिरंगा कार्यक्रम की शुरूआत की है। प्रधानमंत्री मोदी ने जनता से अपील की है कि 13 से 15 अगस्त तक हर भारतवासी अपने घर तिरंगा फहराए। भाजपा इस कार्यक्रम के माध्यम से भी जनता तक पहुंचने की योजना बना रही है। बैठक में हर घर तिरंगा कार्यक्रम को सफल बनाने पर भी चर्चा की जाएगी।
राजस्थान- गुजरात पर विशेष नजर
आने वाले समय में राजस्थान और गुजरात में विधान सभा चुनाव होने हैं। गुतरात में जहां पार्टी सत्ता अपने पास रखने के लिए पूरा जी जान लगा रही है वहीं राजस्थान में उसकी निगाहें वापसी पर हैं। बैठक में दोनो राज्यों से संबंधित चुनावी रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा होगी। दोनो राज्य भाजपा के लिए बेहद अहम हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ समय से पार्टी के शीर्ष नेता राजस्थान और गुजरात का दौरा कर रहे हैं। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात का दौरा किया था और पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की थी। अपने दौरे पर अमित शाह ने कांग्रेस को जमकर घेरा था और द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने को देश की आजादी के 75 वर्षों के इतिहास में एक ऐतिहासिक घटना बताया था। अपने गुजरात दौरे पर शाह ने कहा था कि मुर्मू की जीत उन लोगों को करारा जवाब है जो केवल आदिवासी सशक्तिकरण की बात करते हैं और विभिन्न समुदायों को बांटने का काम करते हैं और इसके नाम पर राजनीति करते हैं। जाहिर है कि भाजपा चुनावों में भी इसे इस्तेमाल करने से नहीं चूकेगी।