मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित जिलों का किया दौरा, पीड़ितों को हर संभव मदद का भरोसा
By भाषा | Published: September 3, 2021 07:17 PM2021-09-03T19:17:23+5:302021-09-03T19:17:23+5:30
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेपाल से आने वाली सरयू और राप्ती आदि नदियों में पानी बढ़ने से देवीपाटन मंडल के गोंडा, बहराइच और बलरामपुर जिलों में आई बाढ़ का हवाई सर्वेक्षण के जरिये शुक्रवार को जायजा लिया और कहा कि सरकार बाढ़ जनित घटनाओं में मृत्यु होने पर चार से पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता पीड़ित परिवार को मुहैया करा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बाढ़ के पानी में डूबकर अथवा हिंसक जानवर के काटने से मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता दे रही है जबकि किसी किसान अथवा बटाईदार की मृत्यु होने पर कृषक दुर्घटना बीमा योजना के तहत पांच लाख रुपये की वित्तीय मदद प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त मकान के लिए भी 95 हजार रुपये तक की सहायता सरकार दे रही है तथा नदी के धारा में आकर बह जाने वाले मकानों के स्वामियों को मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत लाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक बाढ़ प्रभावित जिले में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को नोडल अफसर बनाकर भी भेजा जा रहा है। गोंडा जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर बाबा मठ नामक स्थान पर पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नेपाल से आने वाली सरयू, घाघरा, शारदा, राप्ती आदि नदियों में पानी बढ़ने से इस वर्ष राज्य को तीसरी बार बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने दावा किया कि सरकार द्वारा समय से किए गए प्रयासों का परिमाण है कि विगत वर्षों की तुलना में इस वर्ष कम नुकसान हुआ है। उन्होंने इस बीच अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्श कर उन्हें राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने की हिदायत दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि मौजूदा समय में राज्य के 15 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। एल्गिन ब्रिज के पास ड्रेजिंग के बाद घाघरा नदी में सकारात्मक परिणाम मिला और गोंडा, बहराइच तथा बाराबंकी जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह नहीं होने पाई। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित सभी जिलों में एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचक बल), एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचक बल) और पीएसी की बाढ़ इकाई पूरी तत्परता से काम कर रही है।एनडीआरएफ की वाराणसी स्थित 11वीं बटालियन के कमांडेंट मनोज शर्मा ने शुक्रवार को दूरभाष पर 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि बाढ़ ग्रस्त जिलों में एनडीआरएफ की टीम पूरी तत्परता से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि हर एनडीआरएफ टीम के साथ जवानों के पास 'डीप डाइविंग किट' (गोताखोरी के लिए जरूरी उपकरण) मौजूद हैं और इसके जरिये आपदा के समय व्यक्ति की जान बचाने के साथ सामान ले जाने की भी सुविधा होती है। शर्मा ने बताया कि दल में जवानों को 'एमआरएफ' (मेडिकल फर्स्ट रिस्पाडेंट) किट भी दी गई है जो विषम परिस्थितियों में बीमारों के उपचार में सहायक साबित होती है। उन्होंने बताया कि जवानों को चिकित्सकीय सुविधा देने के प्रशिक्षण के साथ ही विषम परिस्थिति में गर्भवती महिला को प्रसव कराने के लिए भी साधन उपलब्ध कराए गए हैं। अगर नाव में प्रसव की स्थिति उत्पन्न हुई तो उसके लिए भी एनडीआरएफ दल में पूरी व्यवस्था है और इसके बाद प्रसूता को निकट के किसी अस्पताल में भर्ती कराने की भी जिम्मेदारी जवान संभालते हैं। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि बरसात के दिनों में सांप, बिच्छू व जंगलों जानवरों के काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इससे निपटने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नेक वेनम व एंटी रैबीज इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। सरकार ने जल जमाव वाले क्षेत्रों में फसलों के नुकसान का आंकलन करने का निर्देश दिया है, जिससे किसानों को समय से मुआवजा मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में पांच से 12 सितम्बर तक स्वास्थ्य, पंचायती राज, बाल विकास एवं पुष्टाहार, शिक्षा आदि विभागों के समन्वय से जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए स्वच्छता अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री ने जिले में प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार किसानों व गरीबों की हर संभव मदद के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से विचार विमर्श करने के बाद कुछ बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री भी प्रदान किया।बहराइच से मिली खबर के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां कहा कि प्रत्येक बाढ़ प्रभावित जिले में एक एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को नोडल अफसर बनाकर भेजा जा रहा है। ये अधिकारी अपने प्रभार वाले जिलों में 4 से 5 दिन कैम्प कर बाढ़ राहत व बचाव तथा जल जनित व विषाणु जनित बीमारियों की रोकथाम हेतु किए जा रहे उपायों की समीक्षा करेंगे और जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित कर जरूरतमंद अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे। बहराइच जिले के सर्वाधिक प्रभावित महसी क्षेत्र का हवाई निरीक्षण करने के बाद राजी चौराहा पर आयोजित बाढ़ प्रभावित गांवों के नागरिकों की एक जनसभा में योगी ने उन्हें हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। योगी ने कहा, “प्रदेश में बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हालात को समझने व प्रभावित परिवारों को मिलने वाली सरकारी सहायता के निरीक्षण हेतु मैं स्वयं इन इलाकों के तीन दिवसीय दौरों पर हूं।” मुख्यमंत्री ने 11 बाढ़ पीड़ितों को अपने हाथों तथा 250 पीड़ितों को जनप्रनिधियों व अधिकारियों द्वारा खाद्यान्न किट वितरण कराया। उन्होंने छः कटान पीड़ितों को गृह अनुदान चेक व दो लाभार्थियों को आवास की चाभी सौंपी।राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार अपने दौरे में योगी बहराइच, गोंडा, बलरामपुर के बाद सिद्धार्थनगर, महाराजगंज और गोरखपुर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करेंगे। प्रवक्ता के अनुसार सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में मानव जीवन के साथ पशुओं की जान बचाने के संकल्प को दोहराते हुए 1,001 मेडिकल टीमें गठित कर दी हैं और 1,131 बाढ़ शरणालय बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा 1,321 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। बचाव कार्य में 5,811 नाव और 353 मोटर बोट भी लगाई गई हैं। प्रवक्ता ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की मदद से 36,786 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। बाढ़ शरणालयों में बाढ़ प्रभावित इलाकों से आए लोगों के रहने, खाने-पीने की उचित व्यवस्था की गई है। प्रवक्ता के मुताबिक सरकार बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को ड्राई राशन किट, लंच पैकेट के साथ तिरपाल भी वितरित कर रही है।
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