छत्तीसगढ़: आठ लाख के इनामी माओवादी कमांडर ने ‘खोखली विचारधारा’ से निराश होकर किया आत्मसमर्पण
By भाषा | Published: August 25, 2019 04:53 PM2019-08-25T16:53:05+5:302019-08-25T16:54:10+5:30
छत्तीसगढ़ में हिंसा की कई घटनाओं में शामिल रहे वांछनीय माओवादी कमांडर ने पुलिस को आत्मसमर्पण कर दिया। यह कदम उठाने वाले माओवादी ने बताया कि वह माओवादियों की ''खोखली विचारधारा'' से निराश हो गया था।
हिंसा की कई घटनाओं में वांछित एक माओवादी ने रविवार को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मुचाकी बुद्रा उर्फ नरेश (32) ने दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। उस पर आठ लाख रुपये का इनाम था।
सुकमा जिले के जगरगुंडा इलाके के रहने वाले बुद्रा ने माओवादियों की ‘‘खोखली विचारधारा’’ से निराश होने का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण कर दिया। वह दंतेवाड़ा में माओवादियों की मलांगिर इलाके की समिति में पलातून नंबर 24 के उप कमांडर के तौर पर सक्रिय था।
पल्लव ने कहा, ‘‘उसकी साल 2010 में नकुलनार गांव में कांग्रेस नेता अवधेश गौतम के मकान समेत कई माओवादी हमले करने में अहम भूमिका थी। इस घटना में दो नागरिक और एक नक्सली की मौत हो गई थी। साथ ही वह किरंदुल में 2012 में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के दल पर हमले में भी शामिल था जिसमें छह सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे और एक नागरिक भी मारा गया था।’’
बुद्रा साल 2007 में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) में शामिल हुआ था और 2010 में उप कमांडर बना था। अधिकारियों ने बताया कि उसे हथियार छोड़ने के लिए ‘‘प्रोत्साहन राशि’’ के तौर पर 10,000 रुपये नकद दिए गए। उसे सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के अनुसार मदद मुहैया करायी जाएगी।