छत्तीसगढ़: 80 फीट गहरे बोरवेल में गिरने के 78 घंटे बाद भी बाहर नहीं निकल पाया 11 वर्षीय बच्चा, 500 से अधिक कर्मी बचाव अभियान में जुटे
By भाषा | Published: June 14, 2022 06:56 AM2022-06-14T06:56:04+5:302022-06-14T07:13:06+5:30
अधिकारियों ने बताया कि 11 वर्षीय राहुल साहू करीब 60 फुट की गहराई पर फंसा हुआ है और ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए एक पाइप लाइन लगाई गई है। निरीक्षक (एनडीआरएफ) महाबीर मोहंती ने बताया, ‘‘कठोर चट्टानों के कारण बच्चे तक पहुंचने के लिए समानांतर गड्ढे और बोरवेल के बीच लगभग 15 फीट लंबी एक सुरंग बनाने के काम में बाधा आ रही है।
रायपुरः छत्तीसगढ़ में गहरे बोरवेल में गिरने के 78 घंटे से अधिक समय बाद सोमवार को भी 11 वर्षीय राहुल साहू को बाहर नहीं निकाला जा सका। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना और पुलिसकर्मियों सहित बचाव दल बच्चे तक पहुंचने के लिए समानांतर गड्ढे से सुरंग बनाने के मकसद से सतह के नीचे की चट्टानों को काटने के लिए संघर्ष करते रहे। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक साहू होश में है और उसकी हरकतें दिख रही हैं। एनडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों सहित 500 से अधिक कर्मी शुक्रवार शाम से चल रहे व्यापक बचाव अभियान में जुटे हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि साहू शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे मलखरोदा विकासखंड के पिहरिड गांव में अपने घर के पिछवाड़े में 80 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया। उन्होंने बताया कि वह करीब 60 फुट की गहराई पर फंसा हुआ है और ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए एक पाइप लाइन लगाई गई है।
Chhattisgarh | Operation continues for over 60 hrs to rescue 10-yr-old Rahul who fell into a borewell in Pihrid village of Janjgir-Champa dist
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) June 13, 2022
The rescue op is very critical. This has become a mission for us now, around 150 officials are deployed here: Vijay Agarwal, SP Janjgir pic.twitter.com/bBOEMgNS6o
निरीक्षक (एनडीआरएफ) महाबीर मोहंती ने फोन पर पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘कठोर चट्टानों के कारण बच्चे तक पहुंचने के लिए समानांतर गड्ढे और बोरवेल के बीच लगभग 15 फीट लंबी एक सुरंग बनाने के काम में बाधा आ रही है। बचावकर्मियों के लिए ड्रिलिंग मशीनों से भी चट्टान को काटना मुश्किल हो रहा है।’’
मोहंती शुक्रवार से एनडीआरएफ की तीसरी बटालियन के बचाव दल की अगुवाई कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि बचाव में कितना समय लगेगा, उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी समय की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती, लेकिन हम आज देर रात तक वहां पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ लगातार कैमरे के माध्यम से राहुल की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। हमने एक स्पीकर को रस्सी से नीचे उतारा है ताकि उसके माता-पिता उससे बात कर सकें और उसका हौसला बढ़ा सकें। उसे आज केला और ओआरएस का घोल दिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘माता-पिता के अनुसार, बच्चा मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है और ठीक से बात नहीं कर पा रहा है। वह हमारे आदेशों का ठीक से जवाब नहीं दे रहा है। हम उसे बहुत पहले रस्सी के जरिए बाहर निकाल लेते, लेकिन उसने उसे नहीं पकड़ा।’’
मोहंती ने कहा कि बचावकर्मी भी एहतियात बरत रहे हैं क्योंकि बोरवेल के अंदर कोई केसिंग पाइप नहीं है। बोरवेल आठ इंच चौड़ा है, इसलिए मिट्टी धंसने का खतरा है। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, जो बचाव कार्य में शामिल अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं, ने चिकित्सकीय दल को सतर्क रहने और बच्चे को बाहर निकाले जाने के बाद अस्पताल पहुंचाने के लिए एक हरित गलियारा बनाने का निर्देश दिया है।
बयान में कहा गया है कि स्वास्थ्य कर्मियों की एक टीम ने बच्चे को तत्काल सहायता मुहैया कराने के लिए मौके पर सभी जरूरी इंतजाम किए हैं जबकि बिलापुर के अपोलो अस्पताल में उसे स्थानांतरित करने के लिए सभी सुविधाओं के साथ एक एम्बुलेंस भी तैयार रखी गई है।
विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘बोरवेल के अंदर कुछ पानी था जहां बच्चा फंसा था। एनडीआरएफ के जवान इसे निकालने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। क्षेत्र के ग्रामीणों को अपने बोरवेल चालू करने के लिए कहा गया था, जबकि भूजल स्तर को कम करने के लिए पास के दो बांध से भी पानी छोड़ा जा रहा है।’’ इस बीच, बच्चे को सुरक्षित निकाले जाने के लिए सोशल मीडिया पर दुआएं की जा रही हैं।