छत्तीसगढ़: शिविर में लौट रहे जवानों के साथ हादसा, प्रेशर बम फटने से एक की हालत गंभीर
By भाषा | Published: November 27, 2018 11:22 AM2018-11-27T11:22:48+5:302018-11-27T11:22:48+5:30
अधिकारियों ने बताया कि देर रात जब डीआरजी का दल अपने शिविर में लौट रहा था तब जवान सुक्का का पैर प्रेशर बम के उपर चला गया। इससे बम में विस्फोट हो गया। इस घटना में सुक्का गंभीर रूप से घायल हो गया है।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में प्रेशर बम की चपेट में आने से पुलिस जवान घायल हो गया है। सुकमा जिले के पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को दूरभाष पर पीटीआई-भाषा को बताया कि जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र के अंतर्गत रांगापारा गांव के करीब प्रेशर बम की चपेट में आने से डीआरजी का सहायक आरक्षक माडवी सुक्का 25 वर्ष घायल हो गया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुकमा जिले के किस्टाराम और चिंतागुफा थाना क्षेत्र और तेलंगाना के सीमावर्ती क्षेत्रों में पिछले दो दिनों से ऑपरेशन प्रहार चार चलाया गया है। पुलिस दल में एसटीएफ, डीआरजी और सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के जवान शामिल थे। सोमवार को पुलिस दल को इस अभियान में सफलता मिली और नौ नक्सलियों को मार गिराया गया। इस घटना में डीआरजी के दो जवान शहीद हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि देर रात जब डीआरजी का दल अपने शिविर में लौट रहा था तब जवान सुक्का का पैर प्रेशर बम के उपर चला गया। इससे बम में विस्फोट हो गया। इस घटना में सुक्का गंभीर रूप से घायल हो गया है।
उन्होंने बताया कि घटना के बाद घायल जवान को चिंतागुफा के फील्ड अस्पताल में लाया गया तथा बाद में उसे रायपुर भेजा गया। सुक्का को रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
माओवादियों ने किया था चुनाव का विरोध
छ्त्तीसगढ़ की 90 विधान सभा सीटों के लिए 12 नवंबर और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान हुए। माओवादियों ने चुनाव के विरोध की अपील की थी। नक्सलों के विरोध के बावजूद छ्त्तीसगढ़ में मतदान सुचारू रूप से संपन्न हुए।
हालाँकि चुनाव के दौरान नक्सल हमलों की वारदात हुई। नक्सलवादियों ने दूरदर्शन के कैमरामैन की ऐसे ही एक हमले में हत्या करी दी थी। बाद में माओवादियों की तरफ जारी सफाई में कहा गया कि उनका इरादा कैमरामैन की हत्या करना नहीं था।
छ्त्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार है। वहीं विपक्षी कांग्रेस सत्ता में आने की मुख्य दावेदार है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच अजित जोगी और मायावती के गठबंधन से मामला त्रिकोणीय हो चुका है।