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जज ने कोर्टरूम से बाहर आकर पार्किग में सुनाया फैसला, पीड़ित को 20 लाख का मुआवजा, जानें पूरा मामला

By विनीत कुमार | Updated: September 13, 2021 09:33 IST

छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक जज ने कोर्ट के परिसर की पार्किंग में जाकर मामले में फैसला सुनाया। दरअसल पीड़ित कोर्ट में नहीं आ सकता था। ऐसे में जज खुद उसकी स्थिति देखने पार्किंग में पहुंचे थे जहां वह एक गाड़ी में था।

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ठळक मुद्देछत्तीसगढ़ के कोरबा में जिला कोर्ट के एक जज ने पार्किंग में जाकर मामले का किया निपटारा।सड़क दुर्घटना के मामले में पीड़ित को 20 लाख रुपये मुआवजा देने का कोर्ट ने दिया आदेश।2018 का था मामला, तीन साल से लंबित पड़ा था, पीड़ित शख्स ने फैसले पर जताया आभार।

रायपुर: छत्तीसगढ़ के कोरबा में जिला कोर्ट के एक जज ने कुछ ऐसा किया जिसकी खूब चर्चा हो रही है। जज ने एक मामले में कोर्टरूम से बाहर आकर कोर्ट परिसर की पार्किंग में फैसला सुनाया। इसके तहत शख्स को 20 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश कोर्ट की ओर से दिया गया।

दरअसल, पीड़ित शख्स को 2018 में हुए सड़क दुर्घटना में गंभीर चोटें आई थी। इसके बाद उसे पैरालिसिस का अटैक भी आया। अपनी स्थिति के कारण पीड़ित द्वारका प्रसाद कंवर कोर्टरूम जाने में सक्षम नहीं थे।  

ऐसे में जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश बी पी वर्मा शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान कंवर के दुर्घटना मुआवजा मामले की सुनवाई कर रहे थे। उन्हें जब कंवर की हालत के बारे में पता चला तो खुद अदालत कक्ष से बाहर आए और अदालत परिसर के पार्किंग क्षेत्र में गए, जहां पीड़ित शख्स एक वाहन में बैठा था।

पार्किंग में जज ने सुनाया फैसला

जज के साथ कंवर के वकील पीएस राजपूत और बीमा कंपनी के वकील रामनारायण राठौर भी पार्किंग क्षेत्र गए। जज ने यहीं फैसला सुनाया। एक अधिकारी के अनुसार जज ने बीमा कंपनी को पीड़ित को 20 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।

बता दें कि दिसंबर 2018 में रायगढ़ शहर के मानिकपुर इलाके में एक ट्रेलर से कंवर की कार के टकरा जाने से उन्हें कई चोटें आई थीं। दुर्घटना में कंवर की रीढ़ की हड्डी में भी फ्रैक्चर आया था। इसके बाद उन्हें लकवा भी हो गया था। इस वजह से वह बिस्तर पर है और अपने आप चलने-फिरने में असमर्थ है।

कंवर ने इसके बाद बीमा कंपनी से मुआवजे की मांग करते हुए कहा कि उनके परिवार को उनके दुर्घटना के कारण आर्थिक रूप से काफी नुकसान उठाना पड़ा है। फैसले के बाद पीड़ित ने मामले के निपटाए जाने पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह मामला पिछले तीन साल से लंबित था।

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