छत्तीसगढ़ चुनाव: राज्य की 89 सीटों के लिए बीजेपी ने की उम्मीदवारों की घोषणा, ये एक सीट बन गई है गले की हड्डी?
By गोपाल वोरा | Published: October 31, 2018 07:35 AM2018-10-31T07:35:13+5:302018-10-31T07:35:13+5:30
छत्तीसगढ़ में राजधानी रायपुर के चार विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें उत्तर, दक्षिण, पश्चिम और ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
गोपाल वोरा, रायपुर
छत्तीसगढ़ में कल भाजपा ने 12 में से 11 बची सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। इनमें सबसे आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि एक सीट जो रोकी गई है, वह रायपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र की है। इस पर अभी भाजपा के विधायक के रूप में श्रीचंद सुंदरानी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं
पिछले कई महीनों से इस विधानसभा क्षेत्र को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों में उठा-पटक मची हुई है। आज श्रीचंद सुंदरानी से लोस ने उत्तर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी का नाम रोके जाने पर कि- आखिर आपकी ही सीट क्यों रोकी गई है? सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह तो मुझे भी समझ में नहीं आ रहा है। भाजपा की जीती हुई सीट है और मैंने इस क्षेत्र को सजाया और संवारा है।
उत्तर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का विधायक होने के बावजूद हार का खतरा उठाने को तैयार नहीं है। संगठन और सत्ता की गोपनीय रिपोर्ट में उत्तर सीट खतरे में बताई गई है।
90 विधानसभा क्षेत्रों में केवल एक सीट का रोका जाना भाजपा संगठन और सत्ता दोनों पक्षों के लिए सवालिया निशान खड़ा करता है। संभवत: छह लाख सिंधी समाज के मतदाताओं को कोई रुष्ट नहीं करना चाहता। कांग्रेस ने भी इसी ताक में उत्तर की सीट को रोककर रखा है। उत्तर विधानसभा क्षेत्र में पिछले 2013 के चुनाव में कांग्रेस के पूर्व विधायक कुलदीप जूनेजा मात्र तीन हजार वोटों के अंतर से पराजित हुए थे।
इसलिए पहला दावा उनका कांग्रेस में बनता है। दूसरा वहां से प्रमुख दावेदार के रूप में सिंधी समाज के ही पूर्व विधायक रमेश वल्यानी और अजीत कुकरेजा प्रमुख दावेदारों में हैं। श्रीचंद सुंदरानी की टिकट रोकने के पीछे भाजपा के ही दो दिग्गज प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव और पूर्व महापौर प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष, बस्तर के प्रभारी सुनील सोनी के दावे हैं।
संजय श्रीवास्तव को है रमन सिंह का सपोर्ट
संजय श्रीवास्तव के समर्थकों में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह स्वयं हैं और दूसरे सुनील सोनी के पीछे कद्दावर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का हाथ है। संभावना यही दिख रही है कि इस बार श्रीचंद सुंदरानी के बदले भाजपा अपने पत्ते एकदम अंत में खोलेगी। इस सीट के आधार पर ही दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का प्रत्याशी भी कांग्रेस तय करेगी।
बृजमोहन अग्रवाल कृषि मंत्री का दक्षिण विधानसभा क्षेत्र है। मंत्री भी चाहते हैं कि कोई ऐसा कांग्रेस प्रत्याशी उनके विधानसभा क्षेत्र में आए जो उनके लिए आराम जीत का मार्ग प्रशस्त करे। उत्तर में यदि श्रीचंद सुंदरानी को बदला जाता है तो दक्षिण में भी समीकरण बदलेंगे।
छत्तीसगढ़ में राजधानी रायपुर के चार विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें उत्तर, दक्षिण, पश्चिम और ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इनमें से तीन विधानसभा सीटों पर भाजपा काबिज है, जबकि केवल एक ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा का कब्जा है। कमोबेश 2018 के चुनाव में भी यही स्थिति रिपीट हो सकती है।
भाजपा ने 11 उम्मीदवारों की आखिरी सूची जारी की है।
भाजपा ने उम्मीदवारों की जो सूची उसमें साहू समाज के वोटों को साधने का भी उपक्रम किया गया है। दो हारे हुए प्रत्याशियों को भी टिकट दी गई है, जिसमें एक पूर्व मंत्री पूनम चंद्राकर को महासमुंद से टिकट मिली है। इसी प्रकार जैजैपुर से बसपा के केशव चंद्रा से 2579 वोटों को कैलाश साहू को हार का सामना करना पड़ा था। इसलिए कम मतों के अंतर के कारण उन्हें फिर से टिकट दी गई है और दो वर्तमान विधायकों के टिकट काटे गए हैं।
जिन 11 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए गए हैं, उनमें प्रेमनगर से विजय प्रकाश सिंह, रामानुजगंज से रामकिशुन सिंह, कोटा से काशी साहू, जैजैपुर से कैलाश साहू, सरायपाली से श्याम टांडी, बसना से डी।सी। पटेल, महासमुंद से पूनम चंद्राकर, बलौदाबाजार से टेसू धुरंधर, संजारी बालोद से पवन साहू, गुंडरदेही से दीपक साहू, वैशाली नगर से विद्यारतन भसीन शामिल हैं।