छत्तीसगढ़ चुनावः BJP ने इस बार जताया था साहू समाज पर भरोसा, 14 उम्मीदवारों में से 13 हारे
By भाषा | Published: December 14, 2018 05:18 AM2018-12-14T05:18:49+5:302018-12-14T05:18:49+5:30
भारतीय जनता पार्टी ने इस समाज के प्रभाव को देखते हुए साहू समाज के 14 उम्मीदवारों को टिकट दिया था। लेकिन इनमें से केवल धमतरी सीट पर रंजना दिपेंद्र साहू ने ही जीत हासिल की है।
छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने अन्य पिछड़ा वर्ग से साहू समाज पर भरोसा जताया था और इस समाज से 14 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन इनमें से 13 उम्मीदवार चुनाव हार गए हैं। छत्तीसगढ़ में 51 सीटें अनारक्षित हैं और इनमें से ज्यादातर सीटों पर अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों पर यहां की राजनीतिक पार्टियां भरोसा करती हैं। अन्य पिछ़ड़ा वर्ग में साहू समाज के लोगों की संख्या लगभग 16 फीसदी है और वे यहां की राजनीति को प्रभावित करते हैं। साहू समाज के लोग ज्यादातर किसान हैं तथा कुछ व्यापार भी करते हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने इस समाज के प्रभाव को देखते हुए साहू समाज के 14 उम्मीदवारों को टिकट दिया था। लेकिन इनमें से केवल धमतरी सीट पर रंजना दिपेंद्र साहू ने ही जीत हासिल की है।
रंजना साहू ने इस सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक गुरूमुख सिंह होरा को हराया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर साहू :अभनपुर सीट: और मेघाराम साहू :शक्ति सीट: तथा दो विधायक आशोक साहू :कवर्धा सीट: और तोखन साहू :लोरमी सीट: भी जीत नहीं सके।
इसके साथ ही भाजपा के काशीराम साहू :कोटा सीट:, कैलाश साहू :जांजगीर सीट:, मोनिका साहू :खल्लारी सीट:, नंद कुमार साहू :रायपुर ग्रामीण:, पवन साहू :संजारी बालोद सीट:, दीपक ताराचंद साहू :गुंडरदेही सीट:, मोतीलाल साहू :पाटन सीट:, जागेश्वर साहू :दुर्ग ग्रामीण सीट: और हीरेंद्र साहू :खुज्जी सीट: चुनाव हार गए हैं।
भाजपा द्वारा बड़ी संख्या में साहू समाज को टिकट देने और हारने को लेकर छत्तीसगढ़ साहू संघ के युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश साहू कहते हैं कि कांग्रेस का घोषणापत्र आकर्षक था। किसानों के लिए धान की खरीद पर 2500 रूपए समर्थन मूल्य, दो साल का बोनस, कर्ज माफ, बिजली बिल आधा, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता जैसे मुददे ने लोगों को आकर्षित किया है। कांग्रेस की इन घोषणाओं के कारण परिवर्तन की एक लहर चल गई।
साहू कहते हैं कि इस चुनाव में केवल साहू ही नहीं बल्कि सभी वर्ग के उम्मीदवार चुनाव हारे हैं जिनमें बड़े नेता भी शामिल हैं। वह कहते हैं कि साहू समाज का किसी भी पार्टी के साथ मतभेद नहीं है। हम राज्य का विकास चाहते हैं।
एक अन्य पदाधिकारी नाम नहीं छापने के शर्त पर कहते हैं कि दुर्ग ग्रामीण विधासभा सीट से लोकसभा सांसद ताम्रध्वज साहू को टिकट दिए जाने के बाद साहू समाज को उम्मीद थी कि कांग्रेस की जीत के बाद ताम्रध्वज साहू मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार रहेंगे। इसलिए कांग्रेस को साहू समाज का समर्थन मिला।
कांग्रेस के उम्मीदवार ताम्रध्वज साहू ने दुर्ग ग्रामीण सीट से भाजपा के जागेश्वर साहू को हराया है। इस चुनाव में कांग्रेस ने साहू समाज से आठ उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था जिनमें से पांच उम्मीदवार जीते हैं।
इनमें शकुंतला साहू :कसडोल सीट:, धनेंद्र साहू :अभनपुर सीट:, ताम्रध्वज साहू :दुर्ग ग्रामीण सीट:, दलेश्वर साहू :डोंगरगांव सीट: और चन्नी चंदू साहू :खुज्जी सीट: शामिल हैं, जबकि राजेंद्र साहू :बेलतरा सीट:, चुन्नीलाल साहू :अकलतरा सीट: और लक्ष्मीकांता साहू :कुरूद सीट: चुनाव हार गए हैं।
छत्तीसगढ़ में इस चुनाव में कांग्रेस ने 68 सीटों पर, भाजपा ने 15 सीटों पर, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ :जे: ने पांच सीटों पर तथा बहुजन समाज पार्टी ने दो सीटों पर जीत हासिल की है।