छत्तीसगढ़ कांग्रेस में तकरार तेज, सीएम बघेल और मंत्री सिंहदेव में मतभेद, दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री, सोनिया और राहुल गांधी के सामने रखेंगे बात
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 24, 2022 02:11 PM2022-07-24T14:11:08+5:302022-07-24T14:12:21+5:30
मुख्य पर्यवेक्षक अशोक गहलोत के साथ टीएस सिंहदेव को गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की रणनीति संबंधी बैठक में शामिल होने के लिए बघेल दिल्ली पहुंचे हैं।
नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे और राज्य के मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ अपने मतभेद के मुद्दे को उनके (बघेल) द्वारा कांग्रेस आलाकमान के समक्ष उठाये जाने की संभावना है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि सिंहदेव के भी दिल्ली पहुंचने की संभावना है। मुख्य पर्यवेक्षक अशोक गहलोत के साथ सिंहदेव को गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की रणनीति संबंधी बैठक में शामिल होने के लिए बघेल दिल्ली पहुंचे हैं।
बघेल इस साल के अंत में होने वाले हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मुख्य पर्यवेक्षक हैं। सूत्रों ने बताया कि बघेल कांग्रेस नेतृत्व से मुलाकात करेंगे और सिंहदेव के साथ अपने मतभेदों का मुद्दा उठाएंगे। बघेल ने सिंहदेव पर भाजपा को हमलावर होने का मौका देने का आरोप लगाया है।
सिंहदेव ने पंचायती राज मंत्री के पद से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि उनके विभाग को धन उपलब्ध नहीं कराया गया और इसलिए गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना पर कोई काम नहीं किया जा सका। घटनाक्रम से पता चलता है कि विधानसभा चुनाव से एक साल पहले दोनों कांग्रेस नेताओं के बीच अंतर्कलह और तेज हो रही है।
हिमाचल प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किए गए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि वह रविवार को दिल्ली में पार्टी के नेताओं से मिलेंगे। सिंहदेव ने यह संकेत देते हुए 16 जुलाई को पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री के अपने पद से इस्तीफा दे दिया था कि उन्हें राज्य सरकार में अलग-थलग कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री को लिखे अपने चार पन्नों के त्यागपत्र में, सिंहदेव ने दावा किया था कि वह "वर्तमान परिदृश्य" को देखते हुए जन घोषणा पत्र (चुनाव घोषणापत्र) के अनुसार ग्रामीण विकास विभाग के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में असमर्थ हैं। जून 2021 में, बघेल और सिंहदेव के बीच कुछ समय के लिए प्रतिद्वंद्विता तब सामने आई थी जब बघेल ने मुख्यमंत्री के रूप में ढाई साल पूरे किए थे।
सिंहदेव के समर्थकों ने दावा किया था कि 2018 में हुई सहमति के अनुसार, बघेल के आधा कार्यकाल पूरा करने के बाद उन्हें (सिंहदेव) मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करना था। हवाईअड्डे पर बघेल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) जैसी सभी केंद्रीय एजेंसियों के लिए "सम्मान है", लेकिन ईडी केवल उन जगहों पर छापेमारी करती है, जहां गैर-भाजपा सरकार हैं।"
उन्होंने कहा, ‘‘वे छत्तीसगढ़ भी आते हैं... नेशनल हेराल्ड (समाचार पत्र) में कोई वित्तीय अनियमितता नहीं थी, लेकिन वह इसकी जांच कर रही है।’’ बघेल ने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों ने (भाजपा शासन के दौरान) गरीबों से 6,500 करोड़ रुपये लूटे और फरार हो गईं। एजेंसी इसकी जांच क्यों नहीं करती? हमने पहल की और निवेशकों को 40 करोड़ रुपये लौटाए।’’
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके परिवार के सदस्य "कथित रूप से (चिटफंड कंपनियों के) ब्रांड एंबेसडर थे" तथा अदालत के निर्देश पर उनके बेटे (अभिषेक सिंह) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। बघेल ने कहा कि चूंकि प्राथमिकी दर्ज हुई है, इसलिए ईडी को इसकी जांच करनी चाहिए।