छत्तीसगढ़: सीएम बघेल ने स्वदेश दर्शन योजना में ‘राम वन गमन परिपथ’ को स्वीकृति प्रदान करने का किया आग्रह

By भाषा | Published: June 5, 2020 04:40 PM2020-06-05T16:40:42+5:302020-06-05T16:40:42+5:30

केन्द्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्र लिखकर उनसे छत्तीसगढ़ में ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथ’ को विकसित करने के लिए तैयार की गयी अवधारणा योजना को केन्द्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया है।

Chhattisgarh CM Bhupesh Bhaghel urges approval for 'Ram Van Gaman Circuit' in Swadesh Darshan Scheme | छत्तीसगढ़: सीएम बघेल ने स्वदेश दर्शन योजना में ‘राम वन गमन परिपथ’ को स्वीकृति प्रदान करने का किया आग्रह

दण्डकारण्य में भगवान श्रीराम के वन गमन यात्रा की पुष्टि वाल्मीकि रामायण से होती है।  (फाइल फोटो)

Highlightsकेन्द्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत पर्यटन की चयनित परियोजनाओं में पर्यटकों की सुविधा के लिए विश्वस्तरीय अधोसंरचनाएं विकसित करने का प्रावधान है।पुस्तकों के अनुसार भगवान राम ने अपने वनवास काल के 14 वर्षों में से लगभग 10 वर्ष से भी अधिक समय छत्तीसगढ़ में व्यतीत किया था। 

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल को पत्र लिखकर उनसे छत्तीसगढ़ में ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथ’ को विकसित करने के लिए तैयार की गयी अवधारणा योजना को केन्द्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया है।

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां बताया कि छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकसित करने के लिए छत्तीसगढ़ के पर्यटन विभाग ने नौ स्थलों का चयन करते हुए 137.45 करोड़ रुपए की लागत क एक अवधारणा योजना तैयार की है। 

केन्द्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत पर्यटन की चयनित परियोजनाओं में पर्यटकों की सुविधा के लिए विश्वस्तरीय अधोसंरचनाएं विकसित करने का प्रावधान है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री को पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ का इतिहास प्राचीन होने के साथ ही प्रशस्त भी है। उन्होंने कहा है कि त्रेतायुगीन छत्तीसगढ़ का प्राचीन नाम दक्षिण कोसल एवं दण्डकारण्य के रूप में विख्यात था। दण्डकारण्य में भगवान श्रीराम के वन गमन यात्रा की पुष्टि वाल्मीकि रामायण से होती है। 

शोधकर्ताओं से प्राप्त जानकारी, शोध लेखों और पुस्तकों के अनुसार भगवान राम ने अपने वनवास काल के 14 वर्षों में से लगभग 10 वर्ष से भी अधिक समय छत्तीसगढ़ में व्यतीत किया था जिसकी पुष्टि यहां के लोकगीतों के माध्यम से भी होती है। बघेल ने लिखा है कि प्रभु श्रीराम ने उत्तर भारत से छत्तीसगढ़ में प्रवेश के बाद विभिन्न स्थानों पर चैमासा व्यतीत करते हुए दक्षिण भारत में प्रवेश किया था। 

इसलिए छत्तीसगढ़ को दक्षिण पथ भी कहा जाता है। उन्होंने उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ में कोरिया जिले की गवाई नदी से होकर सीतामढ़ी हरचैका नामक स्थान से प्रभु श्रीराम ने छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया था। इस दौरान उन्होंने 75 स्थलों का भ्रमण करते हुए सुकमा जिले के रामाराम से दक्षिण भारत में प्रवेश किया था। इन स्थलों में से 51 स्थल ऐसे है, जहां प्रभु श्रीराम ने भ्रमण के दौरान रूक कर कुछ समय व्यतीत किया था, जिसकी पुष्टि शोधकर्ताओं के शोध आलेखों से होती है। 

मुख्यमंत्री ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राम वन गमन पिा के साथ पर्यटन की दृष्टि से विकास की योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य में आने वाले पर्यटकों, आगन्तुकों के साथ-साथ देश और राज्य के लोगों को भी राम वन गमन मार्ग तथा स्थलों से परिचित कराना और इन ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण के दौरान पर्यटकों को उच्च स्तर की सुविधाएं भी उपलब्ध कराना है। 

बघेल ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ को विकसित करने के उद्देश्य से प्रथम चरण में नौ स्थलों का चयन किया गया है। इन स्थलों में सीतामढ़ी-हरचैका (कोरिया), रामगढ़ (अम्बिकापुर), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा-सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) शामिल हैं। 

Web Title: Chhattisgarh CM Bhupesh Bhaghel urges approval for 'Ram Van Gaman Circuit' in Swadesh Darshan Scheme

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