'मन की बात' का 100वां एपिसोड नहीं सुनने पर नर्सिंग की 36 छात्राओं पर कार्रवाई, हॉस्टल से निकलने से रोका; महुआ मोइत्रा ने कसा तीखा तंज
By विनीत कुमार | Published: May 12, 2023 12:14 PM2023-05-12T12:14:11+5:302023-05-12T12:36:48+5:30
तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा ने 'मन की बात' का 100वां एपिसोड नहीं सुनने पर नर्सों पर कार्रवाई को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साथ ही पूछा कि उन्होंने भी कभी इसे नहीं सुना तो क्या उन्हें भी घर से निकलने से रोका जाएगा।
चंडीगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो संबोधन 'मन की बात' के 100वें एपिसोड को नहीं सुनने पर चंडीगढ़ में 36 नर्सों पर कार्रवाई की खबर आने के बाद तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने तीखा तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट कर पूछा कि क्या उन्हें पीएम के रेडियो संबोधन को नहीं सुनने पर सजा दी जाएगी और घर से निकलने से रोका जाएगा।
महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर कहा, 'मैंने भी मंकी बात (मन की बात) नहीं सुनी है। एक बार भी नहीं। कभी नहीं। क्या मुझे भी सजा मिलने वाली है? क्या मुझे एक हफ्ते के लिए अपने घर से बाहर निकलने से मना किया जाएगा? मैं गंभीर रूप से चिंतित हूं।'
I haven’t listened to monkey baat either. Not once. Not ever. Am I going to be punished as well? Will l be forbidden from leaving my house for a week?
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) May 12, 2023
Seriously worried now. pic.twitter.com/HaqEQwsWOj
मन की बात नहीं सुनने पर नर्सों पर कार्रवाई, क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पीटीआई के अनुसार स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) के ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एजुकेशन’ (नाइन) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 100वीं कड़ी के प्रसारण को सुनने के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर संस्थान की 36 छात्राओं पर एक सप्ताह के लिए छात्रावास से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है।
अस्पताल प्रशासन ने पहले और तीसरे वर्ष की छात्राओं के लिए संस्थान में 30 अप्रैल को प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 100वें एपिसोड को सुनना अनिवार्य किया था, जिसमें 36 छात्राएं शामिल नहीं हुईं। बाद में, अस्पताल के अधिकारियों ने तीन मई को एक आदेश जारी कर छात्राओं को सूचित किया कि तीसरे वर्ष की 28 छात्राओं और पहले वर्ष की आठ छात्राओं को एक सप्ताह के लिए छात्रावास से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
पीजीआईएमईआर ने नर्सों पर कार्रवाई को लेकर दी ये प्रतिक्रिया
दूसरी ओर पीजीआईएमईआर ने गुरुवार देर शाम ‘मन की बात कार्यक्रम में शामिल नहीं होने के कारण शाम को कक्षाओं के बाद नर्सिंग छात्राओं के बाहर निकलने पर प्रतिबंध..’’ को लेकर एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि यह नर्सिंग कॉलेज के अधिकारियों की ओर से थोड़ी ‘अत्यधिक प्रतिक्रिया’ थी और ‘संबंधितों को पहले ही पीजीआईएमईआर प्रशासन की नाराजगी से अवगत करा दिया गया है।’
यहां पीजीआईएमईआर द्वारा जारी बयान में कहा गया, 'हम विनम्रतापूर्वक आग्रह करते हैं कि इस मुद्दे को कोई अन्य अर्थ नहीं दिया जाना चाहिए या व्यापक जनहित में तूल नहीं दिया जाना चाहिए।' आदेश के मुताबिक, संस्थान के वार्डन ने हाल ही में पहले और तीसरे वर्ष की छात्राओं को बताया था कि उनके लिए 30 अप्रैल को लेक्चर थियेटर-1 में ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 100वें एपिसोड को सुनना अनिवार्य है।
आदेश में छात्रों को यह भी चेतावनी दी गई थी कि कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर उनके बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी जाएगी। आदेश में कहा गया है कि वार्डन और छात्रावास समन्वयक के बार-बार याद दिलाने के बावजूद, 36 छात्राएं कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं।
(भाषा इनपुट)