हमारे प्रधानमंत्री आतंकवाद के आगे नहीं झुकेंगे, पाकिस्तान अपने दोस्त चीन से ले सबक: एमजे अकबर
By भाषा | Published: August 26, 2018 09:17 AM2018-08-26T09:17:48+5:302018-08-26T09:17:48+5:30
नरेंद्र मोदी कैबिनेट में मंत्री एमजे अकबर ने कहा हैरानी होती है कि लोग आतंकवाद के खतरे को कैसे भुला सकते हैं और खासकर वे लोग जो 9/11 के समय अमेरिका में रह रहे थे।
पणजी, 25 अगस्त (भाषा) विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर ने आज कहा कि भारत “सभी प्रधानमंत्रियों” से बातचीत के लिए तैयार है लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश के प्रधानमंत्री आतंकवाद के सामने नहीं झुकेंगे।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत शांति के माहौल में ही संभव है।
मापुसा में ‘21वीं सदी के लिए भारत की विदेश नीति’ पर बातचीत के दौरान अकबर ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री आतंकवाद के सामने कभी नहीं झुकेंगे।’’
उन्होंने कहा पाकिस्तान को अपने ‘महान दोस्त’ चीन से सीखना चाहिए कि उसके और भारत के बीच तमाम मतभेदों के बावजूद इतने सालों में ‘‘दोनों तरफ से एक भी गोली नहीं चली।”
वहीं आतंकवाद के संबंध में उन्होंने कहा कि उन्हें हैरानी होती है कि लोग आतंकवाद के खतरे को कैसे भुला सकते हैं और खासकर वे लोग जो 9/11 के समय अमेरिका में रह रहे थे।
डोकलाम मुद्दे की आड़ में राहुल पर निशाना
अकबर ने शनिवार को कहा कि डोकलाम संकट से जिस तरह से निपटा गया वह दिखाता है कि 'हम अब 1960 के दशक वाला भारत नहीं रह गए हैं' और जो लोग इसे लेकर सरकार की आलोचना कर रहे हैं उनके पास शासन को लेकर 'बौद्धिक स्तर की समझ' नहीं है।
यहां मापुसा में बोलते हुए विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि 'ताकत' के जरिए ही शांति सुनिश्चित की जा सकती है क्योंकि 'भारत की संभवत: परीक्षा' ली जा रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जो इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना कर रहे हैं, 'वह साफ तौर पर बार-बार यह साबित कर रहे हैं कि उन्हें शासन व्यवस्था की कोई जानकारी, कोई समझ नहीं और कोई बौद्धिक ज्ञान नहीं है।'
राहुल गांधी ने कल लंदन में कहा था कि चीन के साथ डोकलाम विवाद कोई 'अकेला मामला' नहीं था बल्कि 'घटनाओं के सिलसिले' का एक हिस्सा था और अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रक्रिया को ध्यान से देख रहे होते तो भारत इसे रोक सकता था।