सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करेगा केंद्र, कृषि वित्त के लिए पारदर्शी व्यवस्था लाना है लक्ष्य: शाह

By भाषा | Updated: December 19, 2021 21:25 IST2021-12-19T21:25:28+5:302021-12-19T21:25:28+5:30

Center will strengthen cooperative sector, aim is to bring transparent system for agriculture finance: Shah | सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करेगा केंद्र, कृषि वित्त के लिए पारदर्शी व्यवस्था लाना है लक्ष्य: शाह

सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करेगा केंद्र, कृषि वित्त के लिए पारदर्शी व्यवस्था लाना है लक्ष्य: शाह

पुणे, 19 दिसंबर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि केंद्र देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए कृषि वित्त के लिए एक पारदर्शी प्रणाली स्थापित करने के उद्देश्य से कई उपाय करेगा।

शाह ने यहां वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान (वैमनीकॉम) के दीक्षांत समारोह में कहा कि सरकार बहुराज्यीय सहकारिता अधिनियम में संशोधन करेगी और अन्य उपाय करने के अलावा सभी खामियों को दूर करने का प्रयास करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही नई सहकारिता नीति लाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों में देश में सहकारिता आंदोलन कमजोर हुआ है। उन्होंने छात्रों से कहा, ‘‘हमें एक बार फिर सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करना होगा और इसे देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सबसे बड़ा योगदान करने वाला बनाना होगा और इसके लिए आप सभी को अपने-अपने क्षेत्रों में समर्पण के साथ काम करना होगा।’’

उन्होंने कहा कि देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार कई उपाय कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम बहु-राज्य सहकारी अधिनियम में संशोधन करेंगे और सभी खामियों को दूर करने का प्रयास करेंगे।’’

शाह ने घोषणा की कि केंद्र जल्द ही सहकारिता प्रबंधन पाठ्यक्रमों के लिए एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘आज डिग्री के साथ इन संस्थानों से बाहर निकल रहे छात्रों के सामने सहकारिता क्षेत्र में कई अवसर हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज आप भी इस संस्थान से बाहर निकल रहे हैं। वैमनीकॉम कोई विश्वविद्यालय नहीं है और न ही ऐसा बनने का कोई माहौल (संभावना) है। लेकिन इसने खुद को बहुत कम समय में 24 राज्यों के विभिन्न राज्य स्तरीय संस्थानों से जोड़ा है।’’

शाह ने कहा, ‘‘हम जल्द ही सहकारिता प्रबंधन पाठ्यक्रमों के लिए एक विश्वविद्यालय स्थापित करेंगे... यह एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय होगा और राज्यों के कई कॉलेज इस विश्वविद्यालय से जुड़ेंगे।’’

उन्होंने कहा कि भारत ने सहकारिता क्षेत्र में सफलता की कई कहानियां हासिल की हैं और जब भारत दुनिया के सामने ‘आत्मनिर्भर’ बनना चाहता है, तो उसमें सहकारिता क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। शाह ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर’ बनने का एक अर्थ भारत में सभी आवश्यक चीजों का निर्माण करना है जबकि दूसरा अर्थ देश के 130 करोड़ लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम 130 करोड़ लोगों को ‘आत्मनिर्भर’ बनाना चाहते हैं और समान विकास लाना चाहते हैं, तो सहकारिता ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जो इन 130 करोड़ लोगों को सर्वांगीण विकास, समान विकास और अवसर प्रदान करेगा और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगा।’’

शाह ने कहा, ‘‘देश में कई किसान जैविक खेती मॉडल को अपना रहे हैं। हालांकि, उन्हें उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मिट्टी और उत्पाद प्रमाणन के लिए कोई प्रणाली नहीं है। हमने एक ऐसी प्रणाली लाने का फैसला किया है, जिसमें जैविक खेती में लगे किसानों के उत्पादों के लिए वैश्विक वैध प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। उन्हें अपने उत्पादों के लिए एक उच्च मूल्य मिलेगा। हम इस प्रयास में अमूल जैसी संस्थाओं को शामिल करेंगे, जिनके पास सहकारी क्षेत्र में सफलता की कई कहानियां हैं।’’

शाह ने कहा कि केंद्र देश में सहकारिता क्षेत्र का दायरा बढ़ाना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम सहकारिता क्षेत्र का दायरा बढ़ाना चाहते हैं, तो हमें एक सहकारिता नीति लानी होगी, जिसके माध्यम से अगले 25 वर्षों तक कार्यान्वयन किया जा सके।

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Web Title: Center will strengthen cooperative sector, aim is to bring transparent system for agriculture finance: Shah

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