अडानी हिंडनबर्ग मामले में कमेटी बनाने को तैयार है केंद्र, सुप्रीम कोर्ट ने 16 फरवरी तक रिपोर्ट सौंपने को कहा

By शिवेंद्र राय | Published: February 13, 2023 05:41 PM2023-02-13T17:41:57+5:302023-02-13T17:43:58+5:30

निवेशकों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए बनाए जाने वाली कमेटी में शामिल होने वाले सदस्यों को लेकर केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह इस कमेटी के सदस्यों से संबंधित रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सीलबंद लिफाफे में देंगे।

Center ready to form committee in Adani Hindenburg case Supreme Court asked to submit report by February 16 | अडानी हिंडनबर्ग मामले में कमेटी बनाने को तैयार है केंद्र, सुप्रीम कोर्ट ने 16 फरवरी तक रिपोर्ट सौंपने को कहा

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

Highlightsअडानी हिंडनबर्ग मामले में कमेटी बनाने को तैयार है केंद्रसुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को बतायाकमेटी के सदस्यों से संबंधित रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सीलबंद लिफाफे में दी जाएगी

नई दिल्ली: अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार, 13 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया है कि उसे अडानी हिंडनबर्ग मामले में कमेटी बनाने में कोई आपत्ति नहीं है।  सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि नियामक तंत्र को मजबूत करने को लेकर विशेषज्ञ समिति स्थापित करने के प्रस्ताव पर सरकार तैयार है।

सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए बनाए जाने वाली कमेटी में शामिल होने वाले सदस्यों को लेकर केंद्र सरकार से गुरुवार तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। हालांकि तुषार मेहता ने कहा कि वह इस कमेटी के सदस्यों से संबंधित रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सीलबंद लिफाफे में देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र को कमेटी के सदस्यों के लिए अपने सुझाव सीलबंद लिफाफे में सौंपने की अनुमति दे दी है।

बता दें कि अडानी हिंडनबर्ग मामले में बीते 10 फरवरी को भी  सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। तब मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि शेयर बाजार में सिर्फ धनी लोग ही पैसे नहीं लगाते, मध्यम वर्ग के लोग भी पैसे लगाते हैं। इसलिए निवेशकों के हितों की सुरक्षा जरूरी है।

आपको बता दें कि वित्तीय शोध करने वाली कंपनी हिंडनबर्ग ने 25 जनवरी 2023 को अदाणी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया कि अडाणी समूह समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। इसके अलावा रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि मॉरीशस से लेकर संयुक्त अरब अमीरात तक टैक्स हेवन देशों में अदाणी परिवार की कई मुखौटा कंपनिया मौजूद हैं जिनका इस्तेमाल मनी लांड्रिंग के लिए किया जाता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़े पैमाने पर शेयरों को गिरवी रखकर कर्ज लिया गया। इस रिपोर्ट के आते ही भारतीय शेयर मार्केट में भूचाल आ गया और अडाणी समूह के शेयर लुढ़क कर काफी नीचे आ गए। देखते ही देखते दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडाणी शीर्ष 20 अमीरों की सूची से भी बाहर हो गई। इस रिपोर्ट के आने के बाद संसद तक तक हंगामा हुआ। विपक्ष ने भी अदाणी समूह पर जांच की भी मांग की। विपक्ष का कहना है कि अडाणी समूह को सरकार ने फायदा पहुंचाने के लिए बिना जांच के बैंको से लोन दिलाने में मदद की। विपक्ष का कहना है कि बैंको के पैसे और अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों की कंपनियों के अडाणी समूह में निवेश किए गए पैसों का अब डूबने का खतरा है।

Web Title: Center ready to form committee in Adani Hindenburg case Supreme Court asked to submit report by February 16

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