कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिये केंद्र ने न्यायालय में दिल्ली सरकार को जिम्मेदार बताया

By भाषा | Published: November 27, 2020 08:55 PM2020-11-27T20:55:25+5:302020-11-27T20:55:25+5:30

Center holds Delhi government responsible for increasing cases of Kovid-19 | कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिये केंद्र ने न्यायालय में दिल्ली सरकार को जिम्मेदार बताया

कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिये केंद्र ने न्यायालय में दिल्ली सरकार को जिम्मेदार बताया

नयी दिल्ली, 27 नवंबर केंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिये शुक्रवार को दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि “बार-बार कहने” के बावजूद उसने जांच क्षमता, विशेष तौर पर आरटी-पीसीआर जांच, बढ़ाने के लिये कदम नहीं उठाए और काफी समय से प्रतिदिन 20,000 के करीब आरटी-पीसीआर जांच ही हो रही थी।

केंद्र ने कहा कि दिल्ली सरकार को ठंड, त्योहारी सीजन और प्रदूषण के दौरान मामलों में बढ़ोतरी की पूरी जानकारी थी और इसके बावजूद लोगों को पर्याप्त रूप से जागरूक करने के लिए उपायों को समय से अमल में नही लाया गया ।

शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपने हलफनामे में गृह मंत्रालय ने कहा, “ डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण समेत दिल्ली सरकार की उपलब्धियों पर जहां नियमित विज्ञापन थे वहीं कोविड-19 अनुकूल व्यवहार पर कोई विज्ञापन नहीं देखा गया। व्यापक रूप से लोगों को भी नियमित संपर्क उपायों के जरिये इसकी जानकारी नहीं थी।”

उसने कहा, “कोविड-19 के बढ़ते मामलों के संदर्भ में बार-बार कहे जाने के बावजूद दिल्ली सरकार ने जांच क्षमता बढ़ाने के लिये कदम नहीं उठाए, खास तौर पर आरटी-पीसीआर के लिये, जो करीब 20,000 जांच के स्तर पर काफी समय से स्थिर थी।”

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह ने केंद्र के हलफनामे को संज्ञान में लिया और कहा, “चीजें बद् से बद्तर होती जा रही हैं लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।”

पीठ ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख एक दिसंबर तय करते हुए कहा, “राज्यों को राजनीति से ऊपर उठना होगा। सभी राज्यों को इस अवसर पर आगे आना होगा।”

केंद्र ने कहा कि कोविड-19 रोगियों का समुचित इलाज सुनिश्चित करने और संक्रमण के रोकथाम को लेकर कई विस्तृत व व्यापक दिशानिर्देश जारी करने के बावजूद दिल्ली सरकार ने जून-जुलाई के महीने में कोरोना वायरस संक्रमण की पहली लहर देखी और केंद्र सरकार को कोविड-19 के और प्रसार को रोकने के लिये तत्काल अति सक्रिय व ऐहतियाती उपाय करने पड़े।

केंद्र ने हलफनामे में कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों और दिल्ली में अस्पतालों के चिकित्सा ढांचे की क्षमता पर बढ़ते दबाव की वजह बनी कमियों से निपटने के लिये केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को राष्ट्रीय राजधानी में स्थिति की समीक्षा के लिये 15 नवंबर को एक और बैठक बुलानी पड़ी ।

उसने कहा कि अब भी “दिल्ली सरकार द्वारा करीब 2680 आईसीयू (गैर वेंटिलेटर) बिस्तर बढ़ाए जाने की प्रतिबद्धता व्यक्त किये जाने के बाद, मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे 19 नवंबर 2020 के अपने पत्र के जरिये दिल्ली में (प्रदेश सरकार और निजी) अस्पतालों में आईसीयू बिस्तर की संख्या 912 से ज्यादा बढ़ा पाने में असमर्थता जाहिर की और केंद्र सरकार से 1700 अतिरिक्त आईसीयू बिस्तरों को इंतजाम करने को कहा।”

इसमें कहा गया कि कैबिनेट सचिव, केंद्रीय गृह सचिव और स्वास्थ्य सचिव द्वारा दिल्ली में कोविड-19 प्रबंधन की समीक्षा के लिये दिल्ली सरकार, नगर निकायों और अन्य सभी संबंधित पक्षों के साथ कई बैठकें हुईं और इस बात पर जोर दिया गया कि दिल्ली में संक्रमण पर लगाम लगाने के लिये हर संभव प्रयास किये जाएं।

हलफनामे में कमियों पर रोशनी डाली गई जिनमें और बिस्तरों को ऑक्सीजन युक्त/वेंटिलेटर वाले बिस्तरों में न बदल पाना, निषिद्ध क्षेत्रों के दायरे का सख्ती से पालन और ज्यादा जांच, खास तौर पर आरटी-पीसीआर विधि से, शामिल हैं।

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