मशहूर लेखक रस्किन बॉन्ड ने जताई चिंता, भारत में जल्द ही लेखकों की संख्या पाठकों के मुकाबले अधिक हो सकती है
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 6, 2019 05:37 PM2019-05-06T17:37:47+5:302019-05-06T17:37:47+5:30
हम चाहते हैं कि लोग किताब भी खरीदें। नए लेखकों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी चीज है भाषा में विश्वास होना। आपको कुछ कहना होगा और इसके लिए अच्छा शोध करना होगा।
मशहूर लेखक रस्किन बॉन्ड ने चिंता व्यक्त की है। रस्किन बॉन्ड ने देश में साहित्य पर चर्चा की। एक कार्यक्रम में आए रस्किन बॉन्ड का कहना है कि भारत में ऐसा जल्द ही हो सकता है कि पाठकों के मुकाबले लेखकों की संख्या अधिक हो जाए। उन्होंने कहा कि देश में प्रकाशन उद्योग पिछले कई वर्षों में काफी विकसित हुआ है और इससे युवा लेखकों को फायदा मिल रहा है।
हाल ही में 85 वर्षीय लेखक स्कूली छात्रों के लिए एक अंग्रेजी लर्निंग एप माए एल्सा के लॉन्च अवसर पर बोले रहे थे। भारत के मौजूदा साहित्यिक परिदृश्य को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रकाशन एक ऐसे दौर में आ गया है जब अधिक से अधिक लेखक इससे अच्छी कमाई कर रहे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि अभी बड़ी संख्या में लोग लिख रहे हैं और ऐसा समय आने का खतरा है जब पाठकों से ज्यादा लेखक होंगे। हम चाहते हैं कि लोग किताब भी खरीदें।
नए लेखकों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी चीज है भाषा में विश्वास होना। आपको कुछ कहना होगा और इसके लिए अच्छा शोध करना होगा। उनसे जब उनके पसंदीदा लेखक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वैसे तो बचपन से ही उन्हें कई लेखक पसंद हैं, लेकिन उनमें से चार्ल्स डिकंस, समरसेट मौघम और रबींद्रनाथ टैगोर ज्यादा पसंद हैं।
लोगों के बीच ई-बुक्स और डिजिटल मीडियम के बढ़ते चलन को लेकर रस्किन बॉन्ड ने कहा- आज भी साहित्य और लेखन-पढ़ने को पसंद करने वाले लोगों के लिए पहला प्यार किताबें ही हैं।