CBI Vs Mamata: जानिए पिछले 48 घंटे का पूरा घटनाक्रम, यहाँ जानें चिटफंड घोटाले का इतिहास

By धीरज पाल | Published: February 4, 2019 07:16 PM2019-02-04T19:16:23+5:302019-02-04T19:44:17+5:30

सबसे पहले तीन हजार करोड़ का ये घोटाला 2013 में सामने आया था जिसमें कथित तौर पर पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने आम लोगों के ठगने का आरोप लगा था।

CBI Vs Mamata: know about complete incident of Kolkata police commissioner cbi investigation sarada chit fund scame | CBI Vs Mamata: जानिए पिछले 48 घंटे का पूरा घटनाक्रम, यहाँ जानें चिटफंड घोटाले का इतिहास

CBI Vs Mamata: जानिए पिछले 48 घंटे का पूरा घटनाक्रम, यहाँ जानें चिटफंड घोटाले का इतिहास

Highlightsसबसे पहले तीन हजार करोड़ का ये घोटाला 2013 में सामने आयासाल 2014 इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच का आदेश दिया थासीबीआई द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा

पश्चिम बंगाल की राजनीति में बड़ा उथल-पुथल मचा हुआ है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मोदी सरकार और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के खिलाफ रविवार (3 फरवरी) देर शाम से धरने पर बैठी हैं। कोलकाता की सियासत तब गरमाई जब सारदा चिटफंड घोटाले की जांच करने पहुंची सीबीआई की टीम को कोलकाता पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

इस दौरान सीबीआई इसके बाद सीएम ममता बनर्जी मोदी सरकार और सीबीआई के इस रवैये को देखकर ममता बनर्जी देर रात धरने पर बैठ गई। इसके बाद सीबीआई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंची और कोर्ट सोमवार को दोनों पक्षों को सबूत लेने के लिए कहा है। 

बता दें कि यह पूरा मामला चिटफंड घोटाले से जुड़ा हुआ है। ऐसे में आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला और इस पूरे मामले में अब तक क्या-क्या हुआ...

- रविवार (3 फरवरी) शाम CBI अधिकारियों की एक टीम शारदा चिटफंड मामले में पूछताछ करने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के सरकारी निवास पर पहुंची। 


- पुलिस ने सीबीआई की टीम से वारंट दिखाने के लिए बोला और राजीव कुमार के घर में दाखिल नहीं होने दिया। बहस हाथापाई तक पहुंची और पुलिस CBI अधिकारीयों को सारणी थाने ले आई।


- CBI के पहुंचने की जानकारी मिलते ही राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राजीव कुमार के आवास पर पहुंचीं।
- अधिकारियों मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने मीडिया से कि ये घटना भारत के संघीय ढांचे पर आक्रमण है।  ये राज्य पुलिस पर केंद्र सरकार का हमला है।
- ममता बनर्जी ने रात को ही कोलकाता के धर्मतल्ला इलाक़े में धरना शुरू कर दिया। रात में ही धरने के लिए मंच तैयार किया गया।


- तृणमूल कांग्रेस के नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता धरना स्थल पर पहुंच गए।
- सीआरपीएफ के जवान कोलकाता में सीबीआई मुख्यालय पहुंचे।
- सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव का आरोप, राजीव कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे.
- विपक्षी पार्टियों ने ममता बनर्जी का किया समर्थन।
- CBI ने ममता सरकार पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी।
- अर्जी दाखिल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार पर सख्ती बरती।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई के पास कमिश्नर के खिलाफ सबूत नहीं है। 
- सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि पुलिस कमिश्नर के खिलाफ सबूत लाए, तो ऐसी कार्रवाई करेंगे कि पुलिस कमिश्नर पछताएंगे। 
- सीबीआई द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा।  

क्या है शारदा चिटफंड घोटाला?

सबसे पहले तीन हजार करोड़ का ये घोटाला 2013 में सामने आया था जिसमें कथित तौर पर पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने आम लोगों के ठगने का आरोप लगा था। शारदा ग्रुप पर आरोप लगा था कि इनकी ओर से 34 गुना रकम करने का वादा किया गया था और लोगों से पैसे ठग लिए।

घोटाले के सामने आने के बाद एजेंटों से निवेशकों ने पैसे मांगने शुरू किए तो कई एजेंटों ने जान तक दे दी थी। इस घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठे थे।इसके बाद साल 2014 इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच का आदेश दिया था।इसके साथ ही कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम की पुलिस को भी सीबीआई के जांच में सहयोग करने का आदेश दिया था।

शारदा चिटफंड घोटाले में क्या है राजीव कुमार का रोल?

घोटालों की जांच के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस की एसआईटी टीम का गठन किया गया जिसका नेतृत्व राजीव कुमार ने किया था। इस कमेटी की स्थापना साल 2013 में की गई थी।

खबरों के मुताबिक सीबीआई सूत्रों का कहना है कि एसआईटी जांच के दौरान कुछ खास लोगों को बचाने के लिए कुछ अहम सबूतों के साथ छेड़छाड़ हुई थी।यह भी कहा जाता है कि घोटाले की जांच से जुड़ी कुछ अहम फाइल और दस्तावेज गायब भी हैं।

इस मामले में खोई हुई फाइलों और दस्तावेजों को लेकर सीबीआई पुलिस कमिश्नर से पूछताछ करना चाहती है।लेकिन सीबीआई ने पुलिस कमिश्नर को फरार बताया था। बता दें कि राजीव कुमार पश्चिम बंगाल कैडर के 1989 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं।

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