CBI vs Mamata: CM नीतीश कुमार ने कहा- देश में आने वाले एक महीने तक कुछ भी हो सकता है
By एस पी सिन्हा | Published: February 4, 2019 05:30 PM2019-02-04T17:30:00+5:302019-02-04T17:30:00+5:30
CBI vs Mamata: नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ दिनों मे ही चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करेंगे. इसके बाद आचार संहिता लागू हो जाएगी. ऐसे में इस तरह की घटना आम बात है. चुनाव को देखते हुए ऐसे राजनीतिक हथकंडे देखने को खूब मिलेंगे. संवैधानिक मामले में हम कानून का पालन करते हैं. लेकिन जो लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं, उनसे ये सवाल पूछिए.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि देश में आने वाले एक महीने तक कुछ भी हो सकता है. पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश ने पश्चिम बंगाल प्रकरण पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया और कहा कि मैं शुरू से ही ऐसे मसलों पर कोई टिप्पणी नहीं करता हूं.
हालांकि, नीतीश कुमार ने ममता सरकार पर वार करते हुए इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि अभी चुनावी मौसम है इसलिए इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. किसी को देश और संविधान की चिंता नहीं है. यह चुनाव के लिए माहौल तैयार किया जा रहा है.
नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ दिनों मे ही चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करेंगे. इसके बाद आचार संहिता लागू हो जाएगी. ऐसे में इस तरह की घटना आम बात है. चुनाव को देखते हुए ऐसे राजनीतिक हथकंडे देखने को खूब मिलेंगे. संवैधानिक मामले में हम कानून का पालन करते हैं. लेकिन जो लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं, उनसे ये सवाल पूछिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी जो माहौल देश में है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि एक महीने या चुनाव की घोषणा होने से ठीक पहले तक कुछ भी हो सकता है. आज किसी को भी देश की चिंता नहीं है. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा तो लोगों को वोट की चिंता सता रही है. बंगाल की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश ने कहा कि देश में इस तरह की चीजें होती हैं तो वो तात्कालिक हैं. एक महीने बाद सारी चीजें खत्म हो जाएंगी और तब जनता ही सामने होगी.
नीतीश कुमार ने राम मंदिर के मुद्दे पर नीतीश कुमार ने एक बार फिर से अपना और अपनी पार्टी जदयू का स्टैंड साफ कर दिया है. फिलहाल ये मामला कोर्ट में है और इसको लेकर जदयू का स्टैंड साफ है. इस मामले में कोर्ट का जो फैसला होगा वो जदयू को मान्य है, नहीं तो आम सहमति से ही मंदिर का फैसला होना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में कौन क्या करता है? कौन क्या कहता है? इससे जदयू को कोई मतलब नहीं है. संवाद के बाद आयोजित प्रेस वार्ता में नीतीश ने राहुल गांधी की रैली से पहले उपेंद्र कुशवाहा पर हुए लाठीचार्ज की घटना तक पर अपनी प्रतिक्रिया दी. कुछ लोगों ने जानबूझकर पुलिस को उकसाया था जो कि साफ-साफ दिख भी रहा था.
उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने किसी को उकसाया नहीं होता तो पुलिस पहले कुछ नहीं करती. डाक बंगला चौराहा पर उपेंद्र कुशवाहा और उनके समर्थकों के साथ हुई घटना के लिए उन्होंने इशारों-इशारों में कुशवाहा पर उकसाने का आरोप लगाया.
वहीं, पटना में राहुल गांधी की रैली पर चुटकी लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी ऐसे लोगों के साथ आ गए हैं कि उनकी छवि ख़राब हो गई है. अगर राहुल ऐसा नही करते तो उनकी छवि बेहतर बनती. उन्होंने राहुल गांधी के निश्चित रकम देने वाले बयान पर चुटकी लेते हुए कहा कि अधिकांश तौर पर चुनाव के समय ऐसे वादे किये जाते हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस इतने सालों से केंद्र में थी तो भी पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा क्यों नहीं दिया? राहुल गांधी की पटना रैली पर तंज कसते हुए कहा कि केवल लोग ही महागठबंधन का जिक्र कर रहे हैं, जबकि राहुल गांधी ने भी मंच से केवल गठबंधन का जिक्र किया था.
वहीं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बंगाल में सभा करने की इजाजत नहीं देने के सवाल पर नीतीश कुमार ने नाराजगी जताई और कहा कि ऐसा करना गलत है. नीतीश कुमार ने कहा कि संवैधानिक मामले में हम कानून का पालन करते हैं. लेकिन जो लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं, उनसे ये सवाल पूछिए.