पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के घर पहुंचे सीबीआई अधिकारी, कथित बीमा घोटाले में हो रही पूछताछ
By अनिल शर्मा | Published: April 28, 2023 12:10 PM2023-04-28T12:10:56+5:302023-04-28T13:59:29+5:30
सीबीआई ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक सामूहिक चिकित्सा बीमा योजना के ठेके देने में और जम्मू-कश्मीर में कीरू जलविद्युत परियोजना से जुड़े 2,200 करोड़ रुपये के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के मलिक के आरोपों के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की थीं।
नई दिल्लीः सीबीआई का दल जम्मू कश्मीर में कथित बीमा घोटाले की जांच के तहत पूछताछ करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचा है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। गौरतलब है कि हाल ही में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सत्यपाल मलिक को केंद्र-शासित प्रदेश में हुए कथित बीमा घोटाले के सिलसिले में कुछ सवालों का जवाब देने को कहा था। इसी सिलसिले में सीबीआई उनके आवास पहुंची है।
सात महीने में यह दूसरी बार है, जब मलिक से सीबीआई पूछताछ कर रही है। बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय के राज्यपाल के रूप में जिम्मेदारियां समाप्त होने के बाद पिछले साल अक्टूबर में मलिक से पूछताछ की गई थी। सीबीआई द्वारा समन जारी किए जाने के बाद मलिक ने कहा था कि ‘‘वे कुछ स्पष्टीकरण मांग रहे हैं, जिसके लिए मेरी उपस्थिति चाहते हैं। पूर्व राज्यपाल ने सीबीआई को पूछताछ के लिए 27 से 29 अप्रैल के बीच का समय दिया था। उन्होंने कहा था कि मैं राजस्थान जा रहा हूं, इसलिए मैंने उन्हें 27 से 29 अप्रैल की तारीख दी है।
सीबीआई ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक सामूहिक चिकित्सा बीमा योजना के ठेके देने में और जम्मू-कश्मीर में कीरू जलविद्युत परियोजना से जुड़े 2,200 करोड़ रुपये के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के मलिक के आरोपों के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की थीं।
मलिक ने दावा किया था कि उन्हें 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।
एजेंसी ने विवादास्पद स्वास्थ्य बीमा योजना से संबंधित प्राथमिकी में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस और ट्रिनिटी रि-इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड को आरोपी बनाया था। खबरों के अनुसार, मलिक ने 31 अगस्त, 2018 को राज्य की प्रशासनिक परिषद की एक बैठक में इस योजना को मंजूरी दी थी। बाद में योजना को समाप्त कर दिया गया।