प्रख्यात वकील आनंद ग्रोवर और इंदिरा जयसिंह के घर CBI का छापा, विदेशी मदद हासिल करने का आरोप

By स्वाति सिंह | Published: July 11, 2019 09:52 AM2019-07-11T09:52:45+5:302019-07-11T09:58:32+5:30

बीते महीने सीबीआई ने विदेशी मदद हासिल करने में नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर जाने माने वकील आनंद ग्रोवर और मुंबई स्थित उनके स्वयंसेवी संगठन ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 

CBI raids senior lawyer Anand Grover and Indira Jaisingh's house | प्रख्यात वकील आनंद ग्रोवर और इंदिरा जयसिंह के घर CBI का छापा, विदेशी मदद हासिल करने का आरोप

मंत्रालय ने समूह को मिली विदेशी मदद के इस्तेमाल में कई विसंगतियां होने का आरोप लगाया। 

Highlights मंत्रालय ने समूह को मिली विदेशी मदद के इस्तेमाल में कई विसंगतियां होने का आरोप लगाया। एजेंसी द्वारा गृह मंत्रालय की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज किया गया।

सीबीआई ने गुरुवार को प्रख्यात वकील आनंद ग्रोवर और इंदिरा जयसिंह के परिसर में छापा मारा। ग्रोवर पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट की वकील इंदिरा जयसिंह के पति हैं। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय जांच ब्यूरो ने विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) उल्लंघन का आरोप लगाया है।  

बता दें कि बीते महीने सीबीआई ने विदेशी मदद हासिल करने में नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर जाने माने वकील आनंद ग्रोवर और मुंबई स्थित उनके स्वयंसेवी संगठन ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 

एजेंसी द्वारा गृह मंत्रालय की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज किया गया। मंत्रालय ने समूह को मिली विदेशी मदद के इस्तेमाल में कई विसंगतियां होने का आरोप लगाया। 

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ के अध्यक्ष ग्रोवर और संगठन के अज्ञात पदाधिकारियों के अलावा अन्य अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। हालांकि सीबीआई ने जयसिंह को प्राथमिकी में आरोपी के रूप में नामजद नहीं किया गया , लेकिन मंत्रालय की शिकायत में उनके खिलाफ भी आरोप लगाए गए हैं। 

मंत्रालय की शिकायत अब प्राथमिकी का हिस्सा है। मंत्रालय की शिकायत के अनुसार 2009 से 2014 तक एएसजी के तौर पर जयसिंह ने ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ को मिले विदेशी चंदे से 96.60 लाख रुपए प्राप्त किए। 

इसमें यह भी कहा गया है कि एएसजी के तौर पर उनकी विदेश यात्राओं के लिए ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ ने धन मुहैया कराया। उन्होंने मंत्रालय की पूर्व स्वीकृति के बिना ऐसा किया। मंत्रालय की शिकायत के अनुसार समूह को 2006-07 और 2014-15 के बीच 32।39 करोड़ रुपए की विदेशी सहायता मिली थी जिसमें अनियमितताएं की गईं जो विदेशी चंदा(विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) का उल्लंघन है। 

मंत्रालय ने कहा कि एनजीओ की उपलब्ध जानकारी और रिकॉर्डों की जांच के आधार पर एफसीआरए, 2010 के विभिन्न प्रावधानों का प्रथम दृष्ट्या उल्लंघन पाया गया। मंत्रालय ने दावा किया कि जांच के दौरान पाए गए उल्लंघनों के आधार पर एनजीओ से जवाब मांगा गया था लेकिन उसे संतोषजनक उत्तर नहीं मिले। 

इसके बाद उसका एफसीआरए पंजीकरण निलंबित कर दिया गया और कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। हाल में उच्चतम न्यायालय में ‘लॉयर्स वायस’ द्वारा दायर एक जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ द्वारा एकत्र चंदे का ‘‘देश के खिलाफ गतिविधियों’’ में दुरुपयोग किया गया।

Web Title: CBI raids senior lawyer Anand Grover and Indira Jaisingh's house

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