सीबीआई ने हथियार लाइसेंस मामले में जम्मू-कश्मीर और दिल्ली-NCR के इन 13 जगहों पर की छापेमारी

By भाषा | Published: December 30, 2019 04:22 PM2019-12-30T16:22:21+5:302019-12-30T16:23:27+5:30

केंद्र शासित प्रदेश बनने के साथ ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना कानून के तहत वहां काम करने का अधिकार मिल गया है। सरकार ने पांच अगस्त को पूर्व जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों.. जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।

CBI raids Jammu Kashmir-Delhi NRC's 13 places in arms license case | सीबीआई ने हथियार लाइसेंस मामले में जम्मू-कश्मीर और दिल्ली-NCR के इन 13 जगहों पर की छापेमारी

जम्मू कश्मीर सरकार की सहमति से इस संबंध में दो प्राथमिकियां दर्ज की थीं।

Highlights सीबीआई ने हथियार लाइसेंस मामले के संबंध में 13 स्थानों पर छापे मारे हैं। श्रीनगर, जम्मू, गुड़गांव और नोएडा में करीब 13 स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं।

सीबीआई ने हथियार लाइसेंस मामले के संबंध में जम्मू कश्मीर और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के 13 स्थानों पर छापे मारे हैं। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर पुनर्गठन के बाद एजेंसी का वहां यह पहला बड़ा अभियान है।

केंद्र शासित प्रदेश बनने के साथ ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना कानून के तहत वहां काम करने का अधिकार मिल गया है। सरकार ने पांच अगस्त को पूर्व जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों.. जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।

अधिकारियों ने बताया कि आईएएस अधिकारी यश मुद्गिल और राजीव रंजन तथा पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों के आवासों की तलाशी ली जा रही है। उन्होंने बताया कि श्रीनगर, जम्मू, गुड़गांव और नोएडा में करीब 13 स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर के अलग-अलग जिलों से करीब दो लाख हथियार लाइसेंस जारी करने में कथित अनियमितताओं से संबंधित सीबीआई के दो मामलों की जांच के सिलसिले में कुपवाड़ा, बारामूला, उधमपुर, किश्तवाड़, शोपियां, राजौरी, डोडा, पुलवामा के तत्कालीन उपायुक्तों और जिला मजिस्ट्रेटों के परिसरों की तलाशी ली जा रही है।

संबंधित उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट तलाशी ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि ऐसा आरोप है कि तत्कालीन सरकारी अधिकारियों ने जम्मू कश्मीर के अनिवासियों को नियमों का उल्लंघन करते हुए लाइसेंस जारी करने के बदले में कथित रिश्वत ली। आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा इस मामले के संबंध में एक गिरोह का पर्दाफाश किए जाने के बाद राजस्थान के पुलिस महानिदेशक ओपी गल्होत्रा की सिफारिश पर सीबीआई को यह मामला सौंपा गया।

राजस्थान एटीएस का आकलन था कि आतंकवाद से पीड़ित जम्मू कश्मीर के विभिन्न जिलों से पिछले दशक में करीब 4.29 लाख हथियार लाइसेंस जारी किए गए। सीबीआई बारामूला के तत्कालीन उपायुक्त 2007 बैच के आईएएस अधिकारी मुद्गिल, कुपवाड़ा के तत्कालीन उपायुक्त 2010 बैच के आईएएस अधिकारी राजीव रंजन, कुपवाड़ा के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट इतरत हुसैन, किश्तवाड़ के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट सलीम मोहम्मद, किश्तवाड़ के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट मोहम्मद जुनैद खान, राजौरी के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट एफसी भगत, डोडा के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट फारूक अहमद खान और पुलवामा के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट जहांगीर अहमद मीर के परिसरों की तलाशी ले रही है।

एजेंसी ने जम्मू कश्मीर सरकार की सहमति से इस संबंध में दो प्राथमिकियां दर्ज की थीं। इसमें कुपवाड़ा के तत्कालीन उपायुक्त को आरोपी नामजद किया गया जबकि विभिन्न जिलों के अज्ञात अधिकारियों को अन्य आरोपी नामजद किया गया।

सीबीआई की चंडीगढ़ इकाई ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के अलावा रणबीर दंड संहिता और हथियार कानून की धारा 3/25 के उल्लंघन के लिए कथित आपराधिक कदाचार और आपराधिक षडयंत्र के लिए प्राथमिकियां दर्ज कीं।

अधिकारियों ने बताया कि डीजीपी गल्होत्रा की सिफारिश पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया। गल्होत्रा ने जम्मू कश्मीर के गृह विभाग को पत्र लिखकर मामले को बिना किसी विलंब के केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा था कि यह मामला ‘‘जम्मू कश्मीर में विभिन्न अधिकारियों द्वारा जालसाजी करके’’ हथियार लाइसेंस जारी करने से जुड़ा है।

Web Title: CBI raids Jammu Kashmir-Delhi NRC's 13 places in arms license case

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