CBI ने जाली आवास ऋण खातों के मामले में DHFL के खिलाफ मामला दर्ज किया
By भाषा | Published: March 26, 2021 02:06 PM2021-03-26T14:06:17+5:302021-03-26T14:08:54+5:30
घोटाले में फंसी डीएचएफएल के मौजूदा निदेशक मंडल द्वारा नियुक्त ऑडिटर ग्रांट थॉर्नटन की रिपोर्ट में इन अनियमितताओं का खुलासा किया गया है।
नयी दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने डीएचएफएल और उसके निदेशकों पर कथित रूप से 2.60 लाख जाली आवास ऋण खाते खोलने के लिए धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इनमें से कुछ खाते प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत ब्याज सब्सिडी लेने के लिए बनाए गए थे।
घोटाले में फंसी डीएचएफएल के मौजूदा निदेशक मंडल द्वारा नियुक्त ऑडिटर ग्रांट थॉर्नटन की रिपोर्ट में इन अनियमितताओं का खुलासा किया गया है। डीएचएफएल के प्रर्वतकों कपिल और धीरज वधावन तथा कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।
इन लोगों ने कथित रूप से बांद्रा में दीवान हाउजिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन की फर्जी शाखा बनाई और 14,046 करोड़ रुपये के आवास ऋण खाते बनाए। इन ग्राहकों ने अपना आवास ऋण पहले ही चुका दिया था। इन खातों को डाटाबेस में डाला गया। प्राथमिकी में कहा गया है कि 2007 से 2019 के दौरान 14,046 करोड़ रुपये के 2.60 लाख जाली आवास ऋण खाते बनाए गए।
ये खाते ऐसी शाखा में खोले गए, जो थी ही नहीं। इनमें से 11,755.79 करोड़ रुपये कई फर्जी कंपनियों में स्थानांरित या जमा कराए गए। इनको बांद्रा बकु कंपनियों के नाम से जाना जाता था। इनमें से कई बोगस खाते कथित रूप से पीएमएवाई में राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) से ब्याज सब्सिडी का दावा करने के लिए खोले गए।