अदालत में सीबीआई और चिदंबरम के वकीलों ने पेश की दमदार दलीलें, जानिए किसका पलड़ा भारी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 22, 2019 04:48 PM2019-08-22T16:48:00+5:302019-08-22T16:48:00+5:30
आईएनएक्स मीडिया केस में गिरफ्तार वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम को कोर्ट में पेश किया गया। वहां सीबीआई की तरफ से तुषार मेहता और चिदंबरम की तरफ से कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें दी।
आईएनएक्स मीडिया केस में गिरफ्तार वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम को कोर्ट में पेश किया गया। वहां सीबीआई की तरफ से तुषार मेहता और चिदंबरम की तरफ से कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें दी। सीबीआई ने कोर्ट से उन्हें 5 दिन रिमांड पर देने की मांग की है वहीं चिदंबरम के वकीलों ने तुरंत रिहाई की गुहार लगाई है। जानें अदालत में दोनों पक्षों की तरफ से किसने क्या कहा?
सीबीआई की दलीलेंः-
- सीबीआई ने अदालत से कहा: आईएनएक्स मीडिया घोटाला धनशोधन का गंभीर एवं बड़ा मामला है।
- सीबीआई ने अदालत से कहा कि घोटाले में वित्तीय लेन-देन किया गया और इसकी जांच किए जाने की आवश्यकता है।
- सीबीआई ने अदालत से कहा कि लेन-देन का पता लगाने और बड़े षड्यंत्र का पर्दाफाश करने के लिए चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है।
- मेहता ने अदालत से कहा: गंभीर अपराध किए गए, कुछ सवालों के जवाब हासिल करने के लिए हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है ताकि प्रभावी जांच की जा सके।
चिदंबरम की दलीलेंः-
- चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पूछताछ के लिये पूर्व केंद्रीय मंत्री की पांच दिन की हिरासत दिये जाने की सीबीआई की मांग का विरोध किया।
- सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम के बेटे कार्ति समेत मामले में अन्य आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
- अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीबीआई का पूरा केस इंद्राणी मुखर्जी के बयान और एक केस डायरी पर निर्भर है।
- अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि असहयोग उसे कहते हैं अगर जांच एजेंसी मुझे पांच बार बुलाए और मैं ना जाऊं। असहयोग यह नहीं है कि वो जवाब ना देना जो सीबीआई सुनना चाहती है। उन्होंने चिदंबरम को बुलाया और वो गए। इसमें असहयोग कहां से है?