Caste census Bihar: जातियों में बंटे दलित एक हो जाएं, जातीय जनगणना को मांझी ने स्वागत किया, जानें मंत्री संतोष कुमार सुमन ने क्या कहा
By एस पी सिन्हा | Published: June 2, 2022 06:28 PM2022-06-02T18:28:52+5:302022-06-02T18:31:21+5:30
Caste census Bihar: बिहार सरकार में मंत्री संतोष कुमार सुमन ने जातीय जनगणना का समर्थन तो किया है, लेकिन उनका मानना है जात पात नहीं होना चाहिए. लोगों को इससे ऊपर उठना चाहिए.
Caste census Bihar: बिहार में जातीय आधारित जनगणना कराई जाने के निर्णय का ‘हम’ प्रमुख जीतन राम मांझी ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले का हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा स्वागत करती है.
हालांकि मांझी के बेटे और बिहार सरकार में मंत्री संतोष कुमार सुमन ने जातीय जनगणना का समर्थन तो किया है, लेकिन उनका मानना है जात पात नहीं होना चाहिए. लोगों को इससे ऊपर उठना चाहिए. मंत्री सुमन ने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर सभी दलों ने मिलकर निर्णय लिया है. खासकर हमारे दल की बात है तो हमारे संरक्षक जीतनराम मांझी और हमारी पार्टी जातिगत जनगणना के पक्ष में हैं.
उन्होंने कहा कि छोटी जातियां जो हैं, घुमंतू जातियां, उनका कोई अता पता नहीं रहता है, वह कहां रहते हैं? जातिगत जनगणना से ऐसे लोगों को काफी लाभ मिलेगा. संतोष सुमन ने कहा कि बिहार एक ऐसा राज्य है जहां जाति हावी है. लोग हर चीज में जाति पूछते हैं. उन्होंने कहा कि शादी-विवाह में जाति पूछा जाता है. हम तो कहते हैं कि शादी-विवाह भी अंतरजातीय करनी चाहिए.
वे इसके पक्षधर हैं. लेकिन बिहार का जो परिवेश है, उसमें जात-पात काफी हावी है. हर जगह जाति पूछी जाती है. क्यों जात पूछते हो? कहीं पर जाते हैं तो जात पूछा जाता है. ऐसे में यहां जाति के प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता. इसलिए जातीय गणना जरूरी है. इससे पता चलेगा कि किसकी कितनी आबादी है? उस हिसाब से उनका प्रतिनिधित्व होगा. उनके विकास पर काम हो सकेगा.
यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ऐतिहासिक कदम है. हर जाति की गणना होगी तो यह पता चलेगा कि कौन किस स्थिति में है? किसके विकास के लिए क्या योजना बनाई जाए? इस लिहाज से गरीबों की उचित संख्या सामने आएगी. आबादी के हिसाब से उनका प्रतिनिधित्व होगा. उनके बच्चे भी शिक्षित होंगे, विकसित होंगे तो राज्य का विकास होगा और देश का भी विकास होगा.
मंत्री ने कहा कि हम बाबा साहब को मानने वाले लोग हैं. उन्होंने कहा था कि जातियों में बंटे दलित एक हो जाएं. इससे उनकी शक्ति बढ़ेगी. गणना होने से उसी ताकत का अहसास होगा. इस दौरान उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को नसीहत दी कि जातीय गणना का श्रेय लेने का प्रयास नहीं करें. उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों में होड़ मची है.
सभी इसका श्रेय लेना चाहते हैं. तेजस्वी कहते हैं कि इसकी मांग हम कर रहे थे, लेकिन काम किया किसने यह तो देखें. काम किया है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने. यह निर्णय सराहनीय है. यह श्रेय लेने का खेल नहीं है. उल्लेखनीय है कि इससे पहले जीतन राम मांझी ने ट्वीट करते हुए कहा कि जातीय जनगणना के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले का हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा स्वागत करती है.
जातीय जनगणना में यह भी सुनिश्चित करना होगा कि एक ही जाति के लोग अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नाम से जाने जाते हैं, उन्हें एक ही जाति माना जाना चाहिए. साथ ही घुमंतू/अर्ध घूमंत/पहाड़ी जातियों की गणना भी होनी चाहिए.